कमीशन हुआ “आईएनएस अंड्रोथ”

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(नई दिल्ली)07अक्तूबर,2025.

आज की तारीख में अगर समुद्री जंग हो तो दुश्मन को सबसे ज्यादा नुकसान किसी चीज से होगा? वॉरशिप्स, एयरक्राफ्ट कैरियर या सबमरीन. इसपर एक्सपर्ट्स की राय अलग-अलग हो सकती है, लेकिन एक बात पर सभी एकमत हैं कि एक सबमरीन लाखों टन वजनी एयरक्राफ्ट कैरियर तक को डुबा सकती है, वो भी बिना नजर आए।ऐसे में सबमरीन को ढूंढना और तबाह करना वॉरफेयर के लिहाज से काफी अहम हो जाता है। इसी कड़ी में इंडियन नेवी में एक नया जहाज शामिल हो रहा है।नाम है आईएनएस अंड्रोथ (INS Androth)। ये इंडियन नेवी (Indian Navy) का दूसरा एंटी-सबमरीन (Anti-Submarine) जहाज है जिसे विशाखापत्तनम स्थित नेवल डॉकयार्ड में इंडियन नेवी में शामिल किया जा रहा है।

अपने पिछले अवतार में, आईएनएस अंड्रोथ (P69) ने रिटायर होने से पहले 27 सालों से अधिक समय तक नेवी में सेवाएं दी थीं. नए अंड्रोथ के पुराने जहाज की विरासत को आगे ले जाने के उद्देश्य से ही ये नाम दिया गया है। उन्नत हथियार और सेंसर सूट, आधुनिक संचार सिस्टम और वाटरजेट प्रोपल्शन से लैस, एंड्रोथ पानी के भीतर के खतरों का सटीकता से पता लगाने, उन्हें ट्रैक करने और उन्हें बेअसर करने में सक्षम है. इसकी अत्याधुनिक क्षमताएं इसे विभिन्न प्रकार के खतरों से निपटने के लिए समुद्री निगरानी, ​​खोज और बचाव अभियान, और तटीय रक्षा मिशनों को अंजाम देने में भी सक्षम बनाती हैं.

समुद्र में ट्रायल के दौरान INS अंड्रोथ
लक्षद्वीप के टापू आईएनएस अंड्रोथ के नाम पर बना जहाज
इस जहाज का नाम भारत के लक्षद्वीप स्थित टापू अंड्रोथ के नाम पर रखा गया है. इस जहाज को कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने बनाया है। कुल 8 ऐसे जहाज GRSE को बनाने है जिसमें से ये दूसरा जहाज आईएनएस अंड्रोथ है। ये एक एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट जहाज है। शॉर्ट में इसे ASW-SWC कहा जाता है।इस जहाज को ईस्टर्न नेवल कमांड के प्रमुख वाइस-एडमिरल राजेश पेंढारकर की मौजूदगी में नौसेना में कमीशन किया गया(साभार एजेंसी)

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