दूरसंचार विभाग और राष्ट्रीय दूरसंचार संस्थान द्वारा “संचार मित्रों” के लिए “कार्यशाला” का आयोजन

UP / Uttarakhand


  • (नई दिल्ली) 28मई,2024.

दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने राष्ट्रीय दूरसंचार संस्थान, गाजियाबाद (एनटीआईपीआरआईटी) के सहयोग से आज संचार मित्रों के लिए एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया। विभाग की विभिन्न नागरिक केंद्रित सेवाओं और साइबर धोखाधड़ी के खतरों के बारे में जागरूकता का प्रसार करके डिजिटल वर्ल्‍ड में उनकी सुरक्षा और सहज यात्रा के संबंध में नागरिकों को सशक्‍त बनाने के लिए छात्र संचार मित्र कार्यक्रम के तहत स्वयंसेवकों के रूप में कार्य कर रहे हैं।

संचार मित्रों का चयन प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों में से किया गया है, जिनमें 100 5जी यूज़ केस लैब हैं। पूरे भारत से 250 से अधिक संचार मित्र, छात्र स्वयंसेवकों का चयन किया गया है।

उक्त कार्यशाला में 20 से अधिक राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों के 220 से अधिक संचार मित्रों ने भाग लिया.

डिजिटल संचार आयोग की सदस्य (दूरसंचार) श्रीमती मधु अरोड़ा ने कार्यशाला के उद्घाटन के दौरान संचार मित्रों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा, “आज की डिजिटल दुनिया में दूरसंचार एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए यह आवश्‍यक है कि सभी नागरिक आज के डिजिटल रुझानों और विकास से भलीभांति अवगत हों। इस प्रकार, संचार मित्र जागरूकता को बढ़ाने और नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए उठाए गए हमारे प्रयासों की दिशा में एक महत्‍वपूर्ण कदम है।

श्रीमती अरोड़ा ने उनका समाज में ‘बदलाव का वाहक’ के रूप में वर्णन किया, जो विभाग की पहलों और नागरिकों के बीच अंतर को पाटने में मदद करते हैं, ये पहल उन नागरिकों की सेवा करने का इरादा रखती है, जो विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्र में रहते हैं और जहां सूचना तक सीमित पहुंच है। उन्‍होंने एक फीडबैक तंत्र के रूप में संचार मित्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए संचार के महत्व पर दो-तरफा बात की। उन्‍होंने विभाग को बेहतर रणनीति बनाने में मदद करने के लिए नागरिकों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बहुमूल्य जानकारी दी। उन्होंने दूरसंचार और संबंधित क्षेत्रों में भविष्य के अवसरों को तलाश करने के लिए इस अद्वितीय मंच का उपयोग करने का भी आग्रह किया।

उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं के समय में नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और संचार साथी जैसे नवीन समाधानों के माध्यम से दूरसंचार विभाग के प्रयासों की सराहना की। इस कार्यशाला के दौरान 4जी और 5जी स्वदेशी स्टैक बनाने की उपलब्धि की सराहना करते हुए भारत की तकनीकी विनिर्माण क्षमता पर भी प्रकाश डाला गया।

एनटीआईपीआरआईटी के महानिदेशक श्री देब कुमार चक्रवर्ती ने नागरिकों और दूरसंचार विभाग के बीच संचार संबंधी अंतर को पाटने में संचार मित्र की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने सभी के लिए किफायती कनेक्टिविटी प्रदान करना, शिकायत निवारण, साइबर खतरों से निपटना, सुरक्षित नागरिक केंद्रित समाधान, डीओटी के प्राथमिक कर्तव्यों के रूप में सूचीबद्ध किया। उन्‍होंने संचार मित्र कार्यक्रम के विस्तार पर बहुमूल्य सुझाव दिए।

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