सी-डॉट ने जिनेवा में यूएन का डब्ल्यू.एस.आई.एस. 2024 “चैंपियन” पुरस्कार जीता

National

नई दिल्ली) 06जून 2024.

भारत सरकार के प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) को, “सेल ब्रॉडकास्ट इमरजेंसी अलर्टिंग के जरिये मोबाइल-सक्षम आपदा लचीलापन” परियोजना के लिए संयुक्त राष्ट्र के डब्ल्यूएसआईएस 2024 “चैंपियन” पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसे ‘जीवन के सभी पहलुओं में लाभ – ई-पर्यावरण’ की श्रेणी में एआई, सी-7, ई-पर्यावरण के तहत मान्यता प्राप्त है।

इंटरनेशनल टेलिकॉम यूनियन (आईटीयू) द्वारा जिनेवा, स्विट्जरलैंड में 27 मई से 31 मई, 2024 तक आयोजित उच्च स्तरीय कार्यक्रम, वर्ल्ड समिट ऑन द इन्फोर्मेशन सोसायटी (डब्ल्यूएसआईएस)+20 फोरम 2024, ने डब्ल्यूएसआईएस के निष्कर्षों के कार्यान्वयन को मजबूती देने की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए सी-डॉट के सेल ब्रॉडकास्ट इमरजेंसी अलर्टिंग प्लेटफॉर्म की परियोजना को मान्यता दी और सामाजिक प्रभाव के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के वास्ते सी-डॉट की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

सी-डॉट का मोबाइल-सक्षम सेल ब्रॉडकास्ट इमरजेंसी अलर्टिंग प्लेटफॉर्म सेलुलर नेटवर्क के माध्यम से मोबाइल फोन पर जीवन-रक्षक आपातकालीन सूचना की लगभग रियल टाइम डिलीवरी के लिए एक एंड-टू-एंड समाधान है। इस स्वदेशी, कम लागत वाली और स्वचालित प्रणाली ने बहु-भाषा समर्थन के साथ भू-लक्षित कई खतरों के अलर्ट देना संभव बनाया है, जिससे आपदा जोखिम प्रबंधन गतिविधियों की समग्र दक्षता में सुधार हुआ है। यह पहल वैश्विक स्तर पर सभी के लिए प्रारंभिक चेतावनी (ईडब्ल्यू4ऑल), इंटरनेशनल टेलिकम्युनिकेशन यूनियन्स (आईटीयू) – सामान्य चेतावनी प्रोटोकॉल (सीएपी), ‘कार्रवाई के लिए आह्वान’ के अनुरूप है और आपदा के लिहाज से लचीलेपन के लिए देश के क्षमता निर्माण के प्रयासों को गति देते हुए एसडीजी (सतत विकास लक्ष्य) लक्ष्यों को बढ़ावा देती है।

29 मई से 31 मई, 2024 तक जिनेवा में डब्ल्यूएसआईएस के साथ आयोजित एआई फॉर गुड ग्लोबल समिट, स्वास्थ्य, जलवायु, लिंग, समावेशी समृद्धि, टिकाऊ बुनियादी ढांचे और अन्य वैश्विक विकास प्राथमिकताओं को गति देने के उद्देश्य से एआई को बढ़ावा देने वाला संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख कार्योन्मुखी मंच है। इस कार्यक्रम में, सी-डॉट ने आपदा प्रबंधन के लिए आईटीयू- सीएपी आधारित प्रारंभिक चेतावनी अलर्ट सिस्टम और सेल ब्रॉडकास्ट टेक्नोलॉजी और साइबर धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए सिम का पता लगाने के लिए एएसटीआर (दूरसंचार सिम सब्सक्राइबर वेरिफिकेशन के लिए एआई और फेशियल रिकॉग्निशन संचालित समाधान) सहित अत्याधुनिक दूरसंचार समाधानों का प्रदर्शन किया।

सी-डॉट द्वारा चयन प्रक्रिया के माध्यम से चुने गए भारत के दो एआई स्टार्टअप – डीपविजन टेक और नयनकॉम ने भी सी-डॉट के साथ अपने नवीन समाधान प्रदर्शित किए। नयनकॉम एक एआई-आधारित विजन प्रोसेसिंग प्लेटफॉर्म है जो बेहतर सड़क सुरक्षा और स्मार्ट सिटी मॉनिटरिंग के लिए क्राउड सोर्स्ड विजुअल डेटा एकत्र करता है और उसको प्रोसेस करता है। किसी भी डिवाइस पर काम करने वाला डीपविज़नटेक – लेट्सटॉकसाइन – एक स्वचालित सांकेतिक भाषा दुभाषिया है, जो बधिर, वाणी और श्रवण बाधित लोगों को सांकेतिक भाषा में शिक्षा प्राप्त करने में मदद कर रहा है।

सी-डॉट के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने भी एआई फॉर गुड कार्यक्रम में “एआई से बचाव तक: नई तरह की साइबर धोखाधड़ी का पता लगाना, रोकथाम और सूचना देना” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने नकली या जाली दस्तावेजों का उपयोग करके धोखाधड़ी/ अनधिकृत मोबाइल कनेक्शन का पता लगाने के लिए सी-डॉट के स्वदेशी रूप से विकसित एआई-संचालित समाधान पर प्रकाश डाला।

यह समाधान नकली/ जाली सिम के खतरे को रोकने और साइबर-क्राइम सिंडिकेट को बेअसर करने के लिए सक्रिय खुफिया जानकारी उत्पन्न करने के लिए अगली पीढ़ी के एआई/ एमएल का उपयोग करता है। यह धोखाधड़ी वाले मोबाइल कनेक्शन की खरीद को सुविधाजनक बनाने वाले पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) का भी पता लगाता है। यह प्लेटफॉर्म जरूरी कार्रवाई करने के लिए कई एजेंसियों के साथ अनधिकृत कनेक्शन की सूची साझा करने की अनुमति देता है।

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