(गोरखपुर)08अगस्त, 2024.
एजेंसी से प्राप्त समाचार के अनुसार राजस्व विभाग की टीम धर्मशाला बाजार से घंटाघर तक बनने वाले विरासत गलियारा में सरकारी जमीन की तलाश करेगी। इसे लेकर टीम का गठन कर लिया गया है। टीम इस मार्ग पर नए सिरे से सीमांकन के साथ कहां पर कितना सरकारी जमीन है, उसकी भी निशानदेही करेगी। इस सर्वे से जानकारी मिल सकेगी कि वर्तमान सड़क के बाद कहां पर कितनी सरकारी जमीन है। इसके बाद चौड़ाई के लिए कितनी और जमीन की आवश्यकता पड़ेगी।
धर्मशाला बाजार से लेकर अलीनगर, बक्शीपुर, नखास, रेती, घंटाघर होते हुए पांडेयहाता तक की सड़क को विरासत गलियारा के तहत विकसित करना है। पहले इस परियोजना की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग के निर्माण खंड तीन को मिली थी। अब निर्माण खंड दो को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।
इसके बाद इस मार्ग पर नए सिरे से नापजोख कराया जा रहा है। प्रशासन की मानें तो यह सड़क पुरानी हाईवे है। कागज में जितनी चौड़ाई इस मार्ग की है, वास्तविक चौड़ाई कम है। इसे लेकर सरकारी जमीन की तलाश के लिए राजस्व टीम के गठन के लिए तहसील प्रशासन से मांग की गई थी। इसके क्रम में राजस्व टीम का गठन कर लिया गया है।
यह टीम सर्वे कर सड़क चौड़ीकरण की जद में कहां पर कितनी सरकारी जमीन आ रही है, इसकी रिपोर्ट तैयार कर रही है। फाइनल रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी।
शासन स्तर से तय होगा सड़क की चौड़ाई का मानक
विभागीय सूत्रों की मानें तो विरासत गलियारा के लिए जनहित को ध्यान में रखते हुए सड़क कितनी चौड़ी रखी जाएगी, यह फैसला शासन स्तर से होगा। फिलहाल पूर्व में तैयार डीपीआर के मुताबिक, सड़क की चौड़ाई 16.50 मीटर तय की गई थी। हालांकि, व्यापारी नेताओं का दावा है कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद सड़क को 12.50 मीटर करने का आश्वासन मिला है। लोनिवि निर्माण खंड दो के अधिकारियों का कहना है कि हाल ही में उन्हें यह परियोजना मिली है। ऐसे में निर्माण शुरू कराने से पहले वह परियोजना से जुड़ी डीपीआर को अपने स्तर से जांचने के साथ ही अन्य जरूरी प्रक्रिया भी पूरी कर रहे हैं। इसी क्रम में पहले सड़क की लंबाई नापी गई है। इसके बाद राजस्व की टीम यह सर्वे कर रही है कि इस मार्ग के चौड़ीकरण में कहां पर कितनी सरकारी जमीन प्रभावित हो रही है। यह रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। वहां से दिशा-निर्देश जारी होते ही निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।(साभार एजेंसी)