(कानपुर)17सितंबर,2024.
कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश का राजफाश करने में लगी पुलिस, आरपीएफ, जीआरपी के साथ ही सुरक्षा एजेंसियों ने कालिंदी एक्सप्रेस के बहाने पुराने रेल हादसों की भी जांच फिर से शुरू कर दी है। जांच अधिकारी उन मामलों के साजिशकर्ताओं की भी कुंडली खंगालने में जुट गई है।
फतेहपुर, कानपुर, लखनऊ और कानपुर देहात समेत आसपास के अन्य जिलों के उन लोगों की कुंडली भी खंगाल रही है, जो पुराने रेल हादसों की जांच के दौरान शक के दायरे में आए थे। इन लोगों की गतिविधियां और सामाजिक स्तर को देखा जा रहा है। दरअसल घटना के सात दिन बाद भी पुलिस और जांच एजेंसियों के हाथ खाली है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदिग्धों, घटनास्थल और आस पास के गांव के हिस्ट्रीशीटरों और बदमाशों समेत लगभग 30 लोगों से पूछताछ की गई।
साथ ही तमाम बिंदुओं पर काम हो चुका है, लेकिन कोस ठोस सुराग न मिलने की वजह से अब साजिशकर्ता तलाश शुरू की गई है। जांच अधिकारी यह देखना चाह रहे हैं कि पुराने मामलों की जांच में क्या हुआ और उनके घटनास्थलों के आसपास क्या कोई मौजूद था। अधिकारियों का लग रहा है कि उन घटनाओं से कड़ियों को जोड़ने पर असल कहानी तक पहुंचा जा सकता है।
मिलिट्री इंटेलीजेंस से मदद लेंगी सुरक्षा एजेंसियां
कालिंदी एक्सप्रेस पलटाने की साजिश के बारे में कोई जानकारी न होने की वजह से अब सुरक्षा एजेंसियों ने मिलिट्री इंटेलीजेंस से मदद लेने का फैसला किया है। जांच अधिकारियों की मानें तो सेना की इंटेलीजेंस टीम देश की सबसे बड़ी टीम है।
रेलवे के माध्यम से सेना के बड़े अधिकारियों को शामिल करने की योजना है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो बुधवार को एनआईए की टीम मिलिट्री इंटेलीजेंस के साथ मिलकर जांच का काम शुरू कर सकती है।
खुफिया को किया गया अलर्ट:
त्योहारों से ठीक पहले इस तरह की घटना को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है। सेंट्रल और कमिश्नरेट की स्थानीय खुफिया एजेंसियां घनी आबादी वाली बस्तियों में सुरागरसी कर रही है। माना जा रहा है कि लगातार कई साजिशें फेल होने के बाद दहशतगर्द कुछ और साजिश रच सकते है।सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है(साभार एजेंसी)