(लखनऊ)12अक्टूबर,2024.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को महाअष्टमी और महानवमी एक साथ मनाई गई। संधि पूजा भी सम्पन्न हो गई। रविवार को सिंदूर खेला के साथ मां की विदाई होगी। रामकृष्ण मठ में कन्या पूजन की परंपरा को विधि-विधान के साथ सम्पन्न किया गया। घर-मंदिर-अपार्टमेंट में देवी स्वरूप कन्याओं का पूजन हुआ। दही-जलेबी-पूड़ी-हलवा-चना खिलाकर व उपहार देकर विदा किया गया। वहीं, पंडालों में सुबह 6:24 बजे से 7:12 बजे तक संधि पूजा की गई। देर शाम सांस्कृतिक संध्या, डांडिया और धुनुचि नृत्य की प्रस्तुतियों से त्योहार की रौनक और बढ़ गई।
108 कमल पुष्प व दीयों से देवी की अराधना:
अष्टमी तिथि समाप्त होने से 24 मिनट पहले से नवमी तिथि शुरू होेने के 24 मिनट बाद तक की जाने वाली पूजा संधि पूजा कहलाती है। कुल 48 मिनट की पूजा में मां के चामुंडा स्वरूप की आराधना होती है। पंडालों में संधि काल में 108 कमल पुष्प और 108 दीपक जलाकर पूजा करने का प्रावधान है। कहते हैं कि संधि काल में शक्ति जागृत होती है।
शिशु गृह में बच्चों को कराया भोज:
बाल आयोग व सामाजिक संगठनों की ओर से प्राग नारायण रोड स्थित शिशु गृह में नवरात्र पर 70 बच्चों को भोज कराया गया। इनमें 45 लड़कियां थी। इस मौके पर बाल आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी, नीलम मिश्रा, संगीता शर्मा मौजूद रहीं(साभार एजेंसी)