(लखनऊ UP) 23नवम्बर,2024.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक संपन्न हुई। सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान चलाने वाले कोटेदारों के लिए बिक्री रजिस्टर रखने की बाध्यता से मुक्ति मिल गई है।
इसके लिए कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश आवश्यक वस्तु (विक्रय एवं वितरण नियंत्रण का विनियमन) (तृतीय संशोधन) आदेश-2024 को जारी करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि ई-पॉस मशीन आने के बाद सारा रिकॉर्ड इलेक्ट्रॉनिक रूप से संरक्षित रहता है। ऐसे में मैनुअल रजिस्टर रखने की आवश्यकता नहीं रह गई है। इसलिए नियमों में बदलाव किया गया।
यूपी में बनेगा गारंटी रिडम्प्शन फंड:
कैबिनेट की बैठक में केंद्रीय वित्त आयोग, सीएजी और भारतीय रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस के अनुसार यूपी में गारंटी रिडम्पशन फंड बनाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत किसी भी विभाग द्वारा डिफाल्ट होता है तो उसका भुगतान रिडम्प्शन फंड से किया जाएगा।
सरकार द्वारा अवस्थापना, सहकारिता और ग्राम विकास जैसे विभागों को विभिन्न वित्तीय संस्थानों से कर्ज उपलब्ध कराया जाता है। देश के 19 राज्यों में इस फंड का प्रावधान है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस फंड के लिए 1.63 लाख करोड़ करोड़ रुपये की गारंटी ली है।
इस फंड में 8,170 करोड़ रुपये रखने का फैसला लिया गया है। साथ ही हर वर्ष बजट में 1,634 करोड़ रुपये का प्रावधान इस फंड के लिए किया जाएगा। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि उत्तर प्रदेश के किसी विभाग में डिफाल्ट नहीं है।
बुंदेलखंड क्षेत्र में बनेगा कॉरिडोर:
बुंदेलखंड में ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर-2 के लिए शासन की ओर से 919.90 करोड़ रुपये मंजूर किया गया है। यह मंजूरी कैबिनेट की बैठक में दी गई। बुंदेलखंड में चित्रकूट, बांदा एवं निकटवर्ती क्षेत्रों को विद्युत आपूर्ति व्यवस्था सुधारने के लिए 800 मेगावाट सौर परियोजना से उत्पादित ऊर्जा की निकासी की व्यवस्था की जा रही है।
जिलों में बिजली आपूर्ति दुरुस्त होगी:
इसके लिए 400/220 केवी उपकेंद्र चित्रकूट (एआईएस) व उससे जुड़ी लाइनें तैयार की जाएंगी। इस उपकेंद्र व लाइन की कुल लागत 619.90 करोड़ रुपये अनुमानित है। इस केंद्र के पूरा होने के बाद चित्रकूट, बांदा व विभिन्न जिलों में बिजली आपूर्ति दुरुस्त होगी। इससे औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
निष्प्रयोज्य भवन गिराए जाएंगे:
आगरा स्थित एसएन मेडिकल कॉलेज परिसर में कई भवन करीब 60 से 70 साल पुराने हैं। इन भवनों को ध्वस्त कर यहां नए भवन बनाए जाने हैं।कैबिनेट की बैठक में इन निष्प्रयोज्य भवनों को ध्वस्त करने संबंधी प्रस्ताव को मौजूरी दे दी गई है।
कानपुर विकास प्राधिकरण का होगा सीमा विस्तार:
कैबिनेट ने कानपुर शहर की सीमा का विस्तार करने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि कैबिनेट ने कानपुर विकास प्राधिकरण की सीमा का विस्तार करने के लिए 80 राजस्व गांवों को शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसकी संस्तुति बीते अप्रैल माह में प्राधिकरण और मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक ने की थी।
कानपुर विकास प्राधिकरण की सीमा का विस्तार होगा:
इस बाबत बीते अप्रैल माह में भेजे गए प्रस्ताव पर पंचायतीराज, नगर विकास, वित्त, राजस्व, न्याय, औद्योगिक विकास विभाग ने अपनी अनापत्ति प्रदान की थी। इसका अनुमोदन प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में भी हो चुका है। इससे पहले वर्ष 2000 में आखिरी बार कानपुर विकास प्राधिकरण की सीमा का विस्तार किया गया था, उस दौरान उन्नाव के 16 गांवों को प्राधिकरण की सीमा में शामिल किया गया था।
4164 करोड़ से होगा नौ शहरों का विस्तारीकरण:
कैबिनेट ने मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत नौ शहरों में सीड कैपिटल के रूप में 4164 करोड़ रुपये प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इनमें लखनऊ, सहारनपुर, मथुरा-वृंदावन, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद, मुरादाबाद, खुर्जा, बांदा एवं मेरठ विकास प्राधिकरण शामिल हैं।
वर्तमान वित्तीय वर्ष में योजना के अंतर्गत 1285 करोड़ रुपये अनुमोदित किए गए है। नए शहरों के समग्र एवं समुचित विकास मद में वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3000 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की गई है। इसमें नौ विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद को भूमि खरीद के लिए 50 प्रतिशत पैसा दिया जा रहा है(साभार एजेंसी)