BHU में मिलेगी एम्स जैसी सुविधा, अब होगी रोबोटिक्स सर्जरी

UP / Uttarakhand

(वाराणसी UP)23नवम्बर,2024.

आईएमएस बीएचयू और सर सुंदरलाल अस्पताल में अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जैसी सुविधाएं होंगी। एम्स की तर्ज पर सहायता अनुदान मिलेगा। बीएचयू अस्पताल में आने वाले मरीजों को रेफर नहीं किया जाएगा। गंभीर बीमारियों का इलाज भी अब यहां उपलब्ध होगा। यहां रोबोटिक्स सर्जरी पर भी काम होगा। शोध और शैक्षणिक आदान प्रदान के लिए एम्स दिल्ली और आईएमएस बीएचयू के डॉक्टर और शोध छात्र एक दूसरे के संस्थान आ-जा सकेंगे।

बीएचयू,स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रालय के बीच हुआ एमओयू:

नई दिल्ली में बीएचयू, शिक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच हुए एमओयू के तहत ये समझौते हुए। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। कुल आठ मुद्दों पर एमओयू किया गया है। इस समझौते के तहत दिल्ली एम्स और आईएमएस बीएचयू के बीच सहयोग बढ़ाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि इस एमओयू से एम्स दिल्ली और आईएमएस बीएचयू के बीच साझेदारी बढ़ेगी।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के साथ ही रोबोटिक्स सर्जरी की संभावनाओं पर काम किया जाएगा। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत किया गया यह एमओयू आईएमएस बीएचयू को विश्वस्तरीय संस्थान के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा। दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक और अनुसंधान साझेदारी बढ़ेगी। कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि एक संस्थान को दो मंत्रालयों से सहयोग दिया जाना बड़ी उपलब्धि है। समझौते के तहत गंभीर बीमारियों में भी मरीजों को रेफर करने के बजाय उनके इलाज की तमाम सुविधाएं उन्हें बीएचयू में ही उपलब्ध कराई जाएंगी।

इन आठ मुद्दों पर बनी सहमति:….
क्लीनिकल सुविधाएं बढ़ाने के लिए विशेषज्ञता और अनुभव साझा किए जाएंगे।
अत्याधुनिक कौशल प्रयोगशाला की स्थापना और संचालन में तकनीकी सहायता मिलेगी।
रोबोटिक सर्जरी शुरू करने के लिए ट्रेनिंग और परामर्श।
सामान्य शैक्षणिक सहयोग के साथ शोध और प्रकाश्नों का आदान-प्रदान होगा।
छात्र-कर्मचारी आदान-प्रदान कार्यक्रम, अतिथि-विद्वान कार्यक्रम, अनुसंधान फेलोशिप कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे।
संयुक्त ग्रांट के साथ कोऑपरेटिव रिसर्च को बढ़ावा।
प्रशासनिक सुधारों के क्रियान्वयन में काम करना।
एमबीबीएस, एमडी, नर्सिंग और स्वास्थ्य कार्मिकों के लिए ट्रेनिंग के क्षेत्र में सहयोग और सहभागिता(साभार एजेंसी)

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