(वाराणसी UP)01जनवरी,2025.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में 2025 में दो बड़े प्रोजेक्ट पूरे होंगे। रोपवे का संचालन शुरू होने के साथ ही गंजारी में बन रहा अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम भी शुरू हो जाएगा। इसी के साथ काशी के पर्यटन विकास को पंख लग जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांड बनारस और मजबूत होगा। बाबा विश्वनाथ को भिक्षा देने वाली माता अन्नपूर्णा मंदिर का शिखर स्वर्णमंडित होगा। इससे काशी की आभा और दमक उठेगी।
गंजारी स्टेडियम के बनने से काशी पर्यटन का बहुत बड़ा केंद्र बनकर उभरेगी। यह देश का पहला स्टेडियम होगा जिसके भवन व डिजाइन में बाबा विश्वनाथ और उनकी नगरी काशी की झलक दिखेगी। एक साथ 30 हजार दर्शक बैठकर मैच का आनंद उठा सकेंगे। 451 करोड़ की लागत से बन रहे स्टेडियम के प्रवेश द्वार के ऊपर बेलपत्रों की डिजाइन होगी।
इसी प्रकार देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे का संचालन मई 2025 तक शुरू होगा। कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक बनने वाले रोपवे की लंबाई 3.75 किमी है। 153 ट्राली का संचालन होगा। 16 मिनट में यह यात्रा पूरी होगी। कैंट के सेकेंड इंट्री द्वार का विस्तार होगा। इसी के साथ रेलवे नेटवर्क मजबूत होगा। राजघाट के पास रेल रोड ब्रिज की नींव रखी जाएगी। ककरमत्ता रेलवे क्रॉसिंग पर अंडरपास बनेगा।
काशी में और बेहतर होंगी स्वास्थ्य सुविधाएं:
मानसिक अस्पताल परिसर पांडेयपुर में 400 बेड का मेडिकल कॉलेज मिलेगा। मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक काम शुरू होगा। आईएमएस बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में क्रिटिकल केयर यूनिट की सुविधा मिलेगी। नेशनल जीरियाट्रिक सेंटर से बुजुर्गों की देखरेख आसान होगी। शहर के दो प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों पर डायलिसिस की निशुल्क सेवा शुरू की जाएगी।
नए साल में रोहतक तक जाएगी महामना, मेरठ-वाराणसी वंदे भारत के रूप में एक और सौगात
गुजरते साल में वाराणसी को रेल परिवहन में कई सौगातें मिली। एक के बाद एक बनारस की झोली में देश की सेमी हाईस्पीड पांच वंदे भारत ट्रेन आई। आने वाले नए साल में भी रेल यात्रियों का सफर सुहाना होगा। मकर संक्रांति के बाद महामना एक्सप्रेस को दिल्ली के बजाए रोहतक तक चलाया जाएगा। रोहतक, नई दिल्ली और वाराणसी का जुड़ाव महामना से होगा। पांच नए कोच बढ़ेंगे। इसके अलावा मेरठ-लखनऊ वंदे भारत को भी वाराणसी से जोड़ने की तैयारी है। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की ओर से रूट का सर्वे कराया जा रहा है। संभावना है कि महाकुंभ के दौरान ही इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई जाएगी।
बनारस को मिलेगी सातवीं वंदे भारत ट्रेन:
वाराणसी से नई दिल्ली रूट पर सुबह और अपराह्न दो वंदे भारत, झारखंड के देवघर और रांची के बीच दो वंदे भारत और पटना-लखनऊ वाया वाराणसी के बीच एक वंदे भारत एक्सप्रेस और आगरा-बनारस के बीच एक वंदे भारत एक्सप्रेस की सुविधाएं वर्तमान में हैं। वाराणसी से छह वंदे भारत ट्रेनें संचालित होती हैं। ऐसे में मेरठ-लखनऊ वंदे भारत को वाराणसी से संचालन किए जाने पर सातवीं सौगात होगी। व्यापारियों और इंजीनियरिंग, मेडिकल की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं को भी बड़ी सहूलियत होगी। वहीं, 16 कोच की महामना एक्सप्रेस में पांच और कोच बढ़ेंगे। सीटों की कमी खत्म होगी। हर वर्ग के यात्रियों को सीटें मिलेंगी।
प्लेटफार्म संख्या 10 और 11 पर बढ़ेंगी ट्रेनों की संख्या:
कैंट रेलवे स्टेशन पर दो नए प्लेटफार्म 10 और 11 पर ट्रेनों की संख्या भी बढ़ाई जाएंगी। मौजूदा समय में 24 घंटे में दो से तीन ट्रेनें ही दोनों नए प्लेटफार्म से संचालित होती हैं। नए साल में ट्रेनों की संख्या 10 से अधिक होंगी। मेमू, डेमू और स्पेशल ट्रेनों का संचालन इन्हीं प्लेटफार्मों से होगा। उस हिसाब से यात्री सुविधाएं भी विकसित किए जा रहे हैं।
2642 करोड़ से रेल-रोड ब्रिज की रखी जाएगी नींव:
परिवहन को रफ्तार और पर्यटन को उड़ान देने के उद्देश्य राजघाट पर रेल-रोड नए ब्रिज की नींव भी 2025 में रखी जाएगी। 2642 करोड़ से बनने वाले पुल का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही शिलान्यास करेंगे। वाराणसी-चंदौली समेत अन्य जिलों को जोड़ने वाले इस पुल पर सिक्स लेन की सड़क और नीचे चार लेन का रेलवे ट्रैक बिछाया जाएगा। सभी मंजूरी प्रक्रिया लगभग फाइनल है।(साभार एजेंसी)