77 जीआई उत्पादों के साथ देश में यूपी नं.वन,काशी क्षेत्र जीआई हब में शुमार

UP / Uttarakhand

(वाराणसी UP)12अप्रैल,2025.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीआई उत्पाद बनारसी लाल पेड़ा, मेटल कास्टिंग क्राफ्ट, शहनाई, तिरंगी बर्फी, ठंडाई समेत उत्तर प्रदेश के 21 उत्पादों को जीआई टैग का प्रमाणपत्र दिया। बनारसी तबला और भरवा मिर्च को भी जीआई टैग में शामिल किया गया। इस दौरान पीएम ने तीन उत्पादकों से उनकी विशेषता व महत्व के बारे में जानकारी ली।

जीआई विशेषज्ञ डॉ. रजनीकांत ने बताया कि 77 जीआई उत्पादों के साथ उत्तर प्रदेश भारत में पहले स्थान पर है। इसमें अकेले 32 जीआई के साथ काशी क्षेत्र दुनिया के जीआई हब में शुमार है। 20 लाख लोगों का जुड़ाव और 25500 करोड़ का वार्षिक कारोबार अकेले काशी क्षेत्र से होता है।

वाराणसी की दो विशिष्ट पहचान बनारसी तबला और भरवा मिर्च, अब जीआई टैग प्राप्त कर राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त उत्पाद बन गए हैं। संगीतप्रेमियों के लिए बनारसी तबला वर्षों से एक खास स्थान रखता है। वहीं बनारसी भरवा मिर्च अपने अनूठे स्वाद और पारंपरिक विधि के कारण मशहूर है। वाराणसी के ही अन्य उत्पाद शहनाई, मेटल कास्टिंग क्राफ्ट, म्यूरल पेंटिंग, लाल पेड़ा, ठंडाई, तिरंगी बर्फी और चिरईगांव के करौंदे को भी जीआई टैग प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है।

बरेली,मथुरा और बुंदेलखंड को भी मिला सम्मान:
जीआई उत्पादों की सूची में बरेली का फर्नीचर, जरी जरदोजी और टेराकोटा, मथुरा का सांझी क्राफ्ट, बुंदेलखंड का काठिया गेहूं और पीलीभीत की बांसुरी भी शामिल हैं। ये सभी उत्पाद अपने-अपने क्षेत्रों की सांस्कृतिक पहचान हैं और अब जीआई टैग प्रमाणपत्र मिलने से इन्हें कानूनी संरक्षण और ब्रांड वैल्यू दोनों मिलेंगे।

चित्रकूट,आगरा,जौनपुर की कला को नई उड़ान:
चित्रकूट का वुड क्राफ्ट, आगरा का स्टोन इनले वर्क और जौनपुर की इमरती को भी जीआई टैग प्रमाणपत्र मिला है। डॉ. रजनीकांत ने बताया कि इससे स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश के हर क्षेत्र में छिपे पारंपरिक शिल्प और स्वाद को अब वैश्विक मंच पर ले जाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

जीआई टैग से कारीगरों और किसानों को मिलेगा लाभ:
जीआई टैग न केवल उत्पाद की मौलिकता को दर्शाता है, बल्कि इसके जरिये किसानों और कारीगरों को बाजार में बेहतर दाम मिलते हैं। इससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित होते हैं।योगी सरकार के सतत प्रयासों और ओडीओपी नीति के चलते उत्तर प्रदेश जीआई टैग प्राप्त उत्पादों की संख्या में लगातार शीर्ष पर बना हुआ है(साभार एजेंसी)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *