(लखनऊ UP)13मई,2025.
राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में डॉक्टरों और दवा कंपनियों के गठजोड़ पर लगाम लगाने के लिए अब प्रिसक्रिप्शन ऑडिट की शुरुआत होने जा रही है। इसके तहत सभी मरीजों के पर्चे स्कैन करके जांचे जाएंगे। इससे बाहर की और विशेष ब्रांड की दवाएं लिखने पर लगाम लगेगी। यह व्यवस्था इसी महीने से शुरू होने की उम्मीद है।
केजीएमयू में हॉस्पिटल रिवॉलिंग फंड की व्यवस्था शुरू हुए नौ साल होने को हैं। लेकिन, अभी भी सभी दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। जो दवाएं उपलब्ध भी हैं। उनके बजाय बाहर की दवाएं लिखी जा रहीं हैं। इसको देखते हुए केजीएमयू प्रशासन ने प्रिसक्रिप्शन ऑडिट की शुरुआत करने का फैसला किया है।
इसमें डॉक्टरों की ओर से लिखी गई दवाओं की पड़ताल की जाती है। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि डॉक्टर मरीजों को जेनेरिक दवा लिख रहे हैं या नहीं। अगर निजी कंपनियों की दवाएं लिख रहे हैं तो वे कौन-सी कंपनियां हैं। इससे फार्मा कंपनियों और डॉक्टरों का गठजोड़ खत्म हो सकेगा।
इसके लिए ओपीडी के बाहर स्कैनर लगाने की तैयारी है। इन स्कैनर से मरीजों को लिखी गईं दवाओं के पर्चे स्कैन किए जाएंगे। इसके बाद टीम इन दवाओं का परीक्षण करेगी। साथ ही यह भी देखेगी कि किसी विशेष ब्रांड की दवाएं लिखने वाले डॉक्टर कौन से हैं।(साभार एजेंसी)