ग्राम सहायकों को दी जाएगी कंप्यूटर ट्रेनिंग,स्मार्ट बनेंगी ग्राम पंचायतें

UP / Uttarakhand

(लखनऊ UP)26मई,2025.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक में ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि ग्राम सचिवालय की अवधारणा को नीति आयोग ने एक मॉडल के रूप में स्वीकार किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों की आत्मनिर्भरता प्रदेश के सतत विकास का आधार बनेगी।इसके लिए सभी ग्राम व्यवस्थाओं को सशक्त, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की जरूरत है।उन्होंने बताया कि प्रदेश की 57,695 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय की स्थापना हो चुकी है, जो लोकतंत्र की साकार पहल है।

पंचायतों के कार्यों की निगरानी होगी डिजिटली : सीएम योगी ने सचिवालयों में कंप्यूटर के जरिए पंचायत गेटवे पोर्टल से धनराशियों के भुगतान को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि पारदर्शिता और उत्तरदायित्व बढ़ सके। उन्होंने डिजिटल पहलों जैसे कॉल सेंटर, जियोफेंसिंग और इंटरनेट कॉलिंग की सराहना करते हुए ग्राम सहायकों को 15 दिन का कंप्यूटर प्रशिक्षण अनिवार्य करने की बात कही।

सरोवर और तालाबों का हो रखरखाव:सीएम योगी
सीएम योगी ने अमृत सरोवरों के रखरखाव, पौधरोपण और सार्वजनिक कार्यक्रमों में ग्राम पंचायतों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ड्रेनेज का पानी अमृत सरोवर या अन्य तालाबों में न पहुंचे, इसके लिए उचित निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।तालाबों के पट्टे आवंटित करने की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से संपन्न की जाए और तालाबों को 3 से 5 वर्षों के लिए पट्टे पर दिया जाए।उससे प्राप्त राजस्व का उपयोग ग्राम विकास में किया जाए।

समय पर हो तालाबों की डिसिल्टिंग : योगी ने कहा कि तालाब केवल जल स्रोत नहीं, बल्कि ग्राम्य संस्कृति के वाहक हैं। उनकी डिसिल्टिंग समय रहते कर ली जाए। रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था ग्राम सचिवालय, आंगनबाड़ी केंद्रों व प्राथमिक विद्यालयों में अनिवार्य रूप से हो।मुख्यमंत्री ने ग्रामीण स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए कहा कि सामुदायिक शौचालयों की नियमित सफाई, देखरेख सुनिश्चित हो और संबंधित कर्मचारियों को समय पर मानदेय दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 96,171 राजस्व ग्रामों में से 90,891 ग्राम ओडीएफ प्लस घोषित हो चुके हैं. शेष ग्रामों को शीघ्रता से इस स्थिति में लाया जाए. ग्रामीण क्षेत्रों में सिंगल यूज़ प्लास्टिक के पूर्ण प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने और प्लास्टिक प्रबंधन इकाइयों के समयबद्ध निर्माण के निर्देश दिए।

अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि 150 प्रस्तावित इकाइयों में से 89 पूरी हो चुकी हैं, जबकि 33 निर्माणाधीन हैं, जिन्हें समयबद्ध ढंग से पूरा कराया जा रहा है।उन्होंने गोबर-धन योजना की प्रगति की जानकारी ली और अधिकारियों ने उन्हें बताया कि 75 जनपदों में से 73 में 115 गोबर-धन प्लांट बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि शेष दो जनपदों में दो इकाइयां निर्माणाधीन हैं, जिन्हें जल्द पूरा कर लिया जाएगा।

गांवों में जीवन की सहजता बढ़ाने के लिए समेकित योजना : मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार स्मार्ट विलेज की अवधारणा को प्राथमिकता दे रही है। इसके अंतर्गत ग्राम सचिवालय, कॉमन सर्विस सेंटर, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें, उत्सव भवन, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे और सोलर स्ट्रीट लाइट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. इससे ग्रामीणजन के ईज ऑफ लिविंग में व्यापक सुधार आया है।

अंत्येष्टि स्थल उपयुक्त स्थान पर बनाएं जाएं : मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना लोगों को अपनी जड़ों से जुड़ने का एक अवसर प्रदान कर रही है। इस योजना के माध्यम से लोग विकास कार्यों में कुछ धनराशि खर्च कर प्रदेश के विकास में सहभागी बन रहे हैं।इस क्षेत्र में अच्छा कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि अंत्येष्टि स्थल उपयुक्त स्थल पर बनाएं जाएं जिससे उपयोग में आ सकें(साभार एजेंसी)

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