वेटलैंड विरासत में शामिल हुआ उदयपुर का मेनार और फलोदी का खीचन

Rajasthan

(जयपुर,राजस्थान)08जून,2025.

पर्यावरण संरक्षण के क्रम में राजस्थान के नाम एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर हो रहे काम में उदयपुर का मेनार और फलौदी के खीचन को भारत के वेटलैंड विरासत में शामिल कर लिया गया है। अलवर से सांसद और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने इसकी जानकारी देते हुए अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर इस उपलब्धि को शेयर भी किया। इससे पहले राजस्थान से केवलादेव और सांभर झील भी वेटलैंड साइट की सूची में शामिल हैं। इसमें सांभर झील 1980 में व केवलादेव 1981 में वेटलैंड साइट घोषित की गई थी।

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की घोषणा पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह बहुत अच्छी खबर है। पर्यावरण संरक्षण में भारत बहुत तेजी से प्रगति कर रहा है और इसमें जनभागीदारी भी शामिल है। मेनारा और खीचन वेटलैंड में जुड़ने वाले नए स्थल हैं। भूपेंद्र यादव ने बताया कि इस घोषणा के साथ भारत में कुल 91 वेटलैंड साइट्स हो चुकी हैं।

उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा- पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर भारत के अंतर्राष्ट्रीय महत्व की वेटलैंड की सूची में 2 नए प्रवेश किए हैं। भारत में रामसर स्थलों की सूची में शामिल होने वाले राजस्थान के खींचन और मेनार शामिल हैं। यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि पीएम मोदी का पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान भारत को हरा-भरा कल बनाने में सफलतापूर्वक मदद कर रहा है। इसके लिए राजस्थान के लोगों को बधाई।

क्या होता है वेटलैंड:

वेटलैंड ऐसे क्षेत्र होते हैं, जहां जमीन पर या जमीन के पास पानी का स्तर साल भर या साल के किसी समय में मौजूद रहता है। यह विभिन्न प्रकार के पौधों, पशु-पक्षियों और सूक्ष्म जीवों के लिए खास तरह का आवास होता है। वेटलैंड कई प्रकार के होते हैं। जैसे कि दलदल, झीलें और नदियां, मैंग्रोव, पीटलैंड, मैदान। वेटलैंड का महत्वपूर्ण काम है जल भंडारण और यह बाढ़ से भी बचाव करते हैं।(साभार एजेंसी)

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