राजस्थान कैबिनेट ने लिए महत्वपूर्ण फैसले

Rajasthan

(जयपुर,राजस्थान)01सितंबर,2025.
जयपुर में राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल की अध्यक्षता में राज्य सरकार के कैबिनेट बैठक आहूत हुई , इसके बाद मंत्री परिषद की भी बैठक आयोजित की गई ।

प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार, कैबिनेट बैठक में राजस्थान के विधानसभा सत्र को लेकर भी चर्चा हुई । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उन बिलों पर भी चर्चा हुई, जिनको प्रमुख समितियों को भेजा गया है। मंत्री परिषद की बैठक के बाद डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा, मंत्री जोगाराम पटेल और सुमित गोदारा ने राजस्थान की कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जानकारी दी।

4700 पदों पर भर्ती की चर्चा
डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि सीवरेज और अपशिष्ट नीति 2016 में संशोधन किया गया. उच्च शिक्षा विभाग ने 374 महाविधालय में राजसेज के तहत 4700 पदों पर भर्ती पर चर्चा की गई है। जोगाराम पटेल ने बताया कि धर्म परिवर्तन रोकने के लिए सरकार पिछली बार बिल लाई थी। कुछ संशोधनों के बाद अब फिर से सरकार सदन में बिल लेकर आएगी।

भजनलाल कैबिनेट के अहम फैसले
राजस्थान सेवा नियमों में परिवर्तन किया गया, इससे कार्मिकों को पदोन्नति का लाभ मिलेगा।सीवरेज अपशिष्ट जल 2016 की नीति में परिवर्तन किया गया है। इससे सीवरेज जल का पुन: उपयोग में लिया जाएगा।नमामि गंगे नियम में भी संशोधित किया गया।जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी तय कर सकेगी। शिक्षा विभाग में कॉलेज एजुकेशन सोसाइटी 374 महाविद्यालयों में सरकार भर्ती करेगी।धर्म परिवर्तन रोकने के लिए संशोधन के बाद फिर से सरकार बिल पेश करेगी।

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के सेवा नियम को बनाने की अनुमति दी गई है।सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं।अगले दिवाली तक राजस्थान 2 लाख स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी, इसके लिए 160 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च किए जाएंगे।सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं।

धर्म परिवर्तन बिल में क्या है?
जोगराम पटेल के अनुसार, कोई अपने मूल धर्म में आना चाहता है तो उस पर प्रावधान लागू नहीं होंगे. इस बिल में देखने धर्म परिवर्तन को विशेष रूप से उल्लंघन माना गया है। गलत सूचना बलपूर्वक कार्य करना, धोखाधड़ी, जबरदस्ती प्रचार करना, प्रलोभन देना, विवाह का झांसा देकर धर्म परिवर्तन करना और मूल धर्म में परिवर्तन पर भी प्रतिबंध रहेगा।धर्म परिवर्तन पर कम से कम 7 वर्ष और अधिकतम 14 वर्ष की सजा के साथ 5 लाख रुपये तक का जुर्माना प्रस्तावित है।

यदि किसी नाबालिग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या दिव्यांग महिला के साथ ऐसा होता है तो न्यूनतम 10 वर्ष और अधिकतम 20 वर्ष की सजा और 10 लाख रुपये तक का आर्थिक दंड लगाया जाएगा। सामूहिक धर्म परिवर्तन पर न्यूनतम 20 वर्ष का कारावास और अधिकतम आजीवन कारावास के साथ 25 लाख रुपये तक का जुर्माना तय किया गया है।(साभार एजेंसी)

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