(नई दिल्ली )16 जून,2025.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों के दौरे पर रवाना हो गए। इस दौरे के पहले पड़ाव में पीएम मोदी रविवार को साइप्रस पहुंचेंगे। यह 23 साल में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला साइप्रस दौरा है। प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे को तुर्किये को संदेश देने के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल तुर्किये पर आरोप है कि उसने साइप्रस के एक तिहाई हिस्से पर साल 1974 से कब्जा किया हुआ है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किये ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया था और पाकिस्तान को अटैक ड्रोन मुहैया कराए थे।
क्यों अहम है पीएम मोदी का साइप्रस दौरा:
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किये ने जिस तरह से खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया और साथ ही भारत पर हमले के लिए पाकिस्तान को ड्रोन मुहैया कराए, उससे भारत और तुर्किये के संबंधों में खटास आई है। अब प्रधानमंत्री साइप्रस दौरे पर जा रहे हैं और उनका दौरा तुर्किये के लिए एक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। तुर्किये और साइप्रस में दुश्मनी है और साल 1974 के बाद से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध भी नहीं हैं।
क्या है तुर्किये और साइप्रस में विवाद:
साल 1570 में ग्रीक भाषी साइप्रस ओटोमन साम्राज्य के नियंत्रण में आ गया था, जिसके बाद साइप्रस में तुर्की भाषी लोग भी बड़ी संख्या में बस गए। साल 1960 में जब साइप्रस, ब्रिटेन से आजाद होकर स्वतंत्र देश बना तो देश में ग्रीक भाषी आबादी कुल आबादी की करीब तीन चौथाई थी और साथ ही तुर्की भाषी आबादी भी बड़ी संख्या में थी। आजादी के बाद कई वर्षों तक इन समुदायों में आपसी झगड़े और हिंसा भी हुई।
जुलाई 1974 को ग्रीस की सैन्य सरकार ने साइप्रस को ग्रीस में मिलाने की कोशिश की, जिसके बाद तुर्किये ने भी साइप्रस पर हमला कर दिया और उत्तरी शहर काइनेरिया, राजधानी निकोसिया के कई इलाकों पर कब्जा कर लिया। बाद में मामला संयुक्त राष्ट्र में गया, लेकिन वहां भी वार्ता विफल रहने पर अगस्त में तुर्किये ने फिर से साइप्रस पर हमला किया और साइप्रस के कई और इलाकों पर कब्जा कर लिया। इस तरह साइप्रस के एक तिहाई हिस्से पर आज भी तुर्किये का कब्जा है। बाद में संयुक्त राष्ट्र ने बफर जोन बनाकर युद्धविराम कराया। तुर्किये के कब्जे वाले इलाके को उत्तरी साइप्रस कहा जाता है। साइप्रस की सरकार उत्तरी साइप्रस को भी अपना हिस्सा मानती है। इसे लेकर दोनों देशों में तनाव है। तुर्किये द्वारा कई बार उत्तरी साइप्रस के आसपास ड्रिलिंग की कोशिश की गई है, लेकिन साइप्रस ने इसका विरोध किया है। अब पीएम मोदी के साइप्रस के साथ संबंध बेहतर करने को तुर्किये के लिए सख्त संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।
साइप्रस जाने वाले तीसरे भारतीय प्रधानमंत्री होंगे पीएम मोदी:
प्रधानमंत्री मोदी साइप्रस जाने वाले तीसरे भारतीय प्रधानमंत्री होंगे। इससे पहले 1983 में इंदिरा गांधी और 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी ने इस देश का दौरा किया था। भारत और साइप्रस के कूटनीतिक रिश्ते हमेशा मजबूत रहे हैं, लेकिन इतने उच्चस्तरीय दौरे बहुत कम हुए हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2018 में और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 2022 में साइप्रस का दौरा किया था।(साभार एजेंसी)