(वाराणसी)03अगस्त,2024.
एजेंसी से प्राप्त समाचार के मुताबिक वाराणसी में सीवर की समस्याएं दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही हैं। खासतौर से गलियों में ज्यादा दिक्कतें हो रही हैं। इसको लेकर मेयर ने वित्त के फंड से बजट भी जारी किया है। जिले के 18 वार्डों में नई सीवर लाइन डाली जाएगी।
वाराणसी शहर की सीवर समस्या वाले 18 वार्डों में नई पाइप लाइन डाली जाएगी। इसके लिए नगर निगम के 15वें वित्त के फंड से बजट जारी किया जाएगा। इसके लिए मेयर अशोक कुमार तिवारी ने जलकल को प्रस्ताव बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है।
वाराणसी शहर के अधिकांश वार्डों में सीवर की समस्या है। इसे लेकर पिछले दिनों दक्षिणी विधानसभा के भाजपा पार्षदों ने हंगामा किया था। इसके बाद यह तय हुआ कि जिन वार्डों में सबसे अधिक सीवर की समस्या है। उसमें नई सीवर की पाइप लाइन डाली जाएगी।
इसके लिए नगर निगम ने सर्वे भी कराया है। इस दौरान 18 वार्ड ऐसे मिले जहां सीवर समस्या अधिक है। ये वार्ड ज्यादातर अस्सी से राजघाट के बीच घाट किनारे के हैं।
पार्षदों के पास भी सबसे अधिक शिकायतें सीवर ओवरफ्लो की आती हैं। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की जनसुनवाई में भी शिकायतें पहुंच रही हैं।
मोहल्लों में सीवर ओवरफ्लो को लेकर जब अधिक हो हल्ला मचता है तो फौरी तौर पर जलकल के कर्मचारी मैनहोल की सफाई कर देते हैं। कुछ दिनों के लिए समस्या टल जाती है। सीवर से बदबू भी रहती है। घरों की खिड़कियां खोलने से लोग कतराते हैं।
पुरानी पाइप लाइनों पर बढ़ा लोड
अधिकारियों ने बताया कि आबादी बढ़ने से पुरानी पाइप लाइनों पर लोड बढ़ गया है। पाइप लाइनों का व्यास बढ़ाने से इस समस्या का हल हो सकता है। शहर की सीवर व्यवस्था सिर्फ और सिर्फ शाही नाले पर ही निर्भर है। वो शाही नाला जिसे मुगलों ने सुरंग के रूप में विकसित किया था।
बाद में ब्रिटिश हुकूमत ने उसे सीवर व्यवस्था में तब्दील कर दिया। नाले की उम्र 200 साल से भी ज्यादा हो गई। जगह-जगह तोड़फोड़ कर लोगों ने अपनी सीवर लाइन जुड़वा ली है। नतीजा यह नाला भी जीर्ण-शीर्ण हो गया।
75.73 करोड़ रुपये से बनाए 5 स्मार्ट वार्ड में भी सीवर ओवरफ्लो:
शहर के 100 में से 5 वार्डों को 75.73 करोड़ रुपये से स्मार्ट बनाया गया। इनमें दशाश्वमेध,जंगमबाड़ी,कामेश्वर महादेव, कालभैरव ,राजमंदिर वार्ड हैं। इनमें एक एक वार्ड में 12 से 17 करोड़ रुपये खर्च किए गए। नई सीवर पाइप लाइन डाली गई थी। बावजूद इसके इन वार्डों में सीवर समस्या बरकरार है।अब एक बार फिर से इसे दुरुस्त करने की कवायद की जा रही है।(साभार अ.उ.एजेंसी)