(वाराणसी UP)23फरवरी,2025.
सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी में रोपवे स्टेशन के निर्माण पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने यह आदेश वाराणसी के दशाश्वमेध घाट की रहने वाली तीन महिलाओं की याचिका पर दिया है। याचिकाकर्ता महिलाओं का आरोप है कि उनकी जमीन का अधिग्रहण किए बिना ही रोपवे स्टेशन का निर्माण शुरू कर दिया गया है।
जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने मनीषा सिंह, सुचित्रा सिंह और प्रतिमा सिंह की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर परीक्षण करने का निर्णय लेते हुए यूपी सरकार, वाराणसी विकास प्राधिकरण आदि को नोटिस जारी किया और फिलहाल यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।
पीठ ने प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई की अगली तारीख 14 अप्रैल तय की है। शीर्ष अदालत का यथास्थिति बनाए रखने का यह आदेश इन तीन महिलाओं की प्रॉपर्टी पर किए जा रहे निर्माण कार्य तक सीमित है।
ये है पूरा मामला:
याचिकाकर्ताओं के मुताबिक यहां पर प्राधिकरण की ओर से रोपवे स्टेशन का निर्माण प्रस्तावित है। इससे पहले तीनों महिलाओं ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन उन्हें वहां से कोई राहत नहीं मिली। जिसके बाद महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि रोपेवे स्टेशन के निर्माण के लिए प्राधिकरण ने उनकी फ्री होल्ड संपत्तियों पर अवैध रूप से तोड़फोड़ कर बिना कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किए रोपवे का निर्माण कार्य शुरू कर दिया। उनका य़ह भी दावा किया है कि उन्हें इस संबंध मैं प्राधिकरण की ओर से कोई लिखित नोटिस भी नहीं दिया गया।
अथॉरिटी की ओर से जमीन का अधिग्रहण किया गया और इसके लिए किसी तरह का मुआवजा भी नहीं दिया गया। उनका कहना है कि वे नियमित रूप से संपत्ति कर भी जमा करती थीं। हाईकोर्ट ने महिलाओं की याचिका पर सुनवाई के बाद नोटिस तो जारी किया था, लेकिन कोई अंतरिम राहत नहीं दी थी।
सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगा प्रशासन
गोदौलिया पर रोपवे स्टेशन के निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। इस बारे में मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा ने कहा कि इस पर रिव्यू पिटीशन दाखिल करेंगे। गोदौलिया पर जमीन अधिग्रहण मामले में नियमों का पालन कर रहे हैं। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में केस चल रहा है।
शिकायतकर्ता में से एक सुचित्रा सिंह के पति सुरेंद्र सिंह ने कहा कि उनकी गोदौलिया पर तीन बिस्वे की फ्री होल्ड जमीन है। इसके अलावा दो बिस्वे नजूल की जमीन है। पहले रोपवे का निर्माण गोदौलिया पर होना था। बाद में गिरजाघर हुआ फिर रोपवे वालों ने कहा कि एक पिलर आपकी जमीन में जाएगी। इसका मुआवजा मिलेगा।
कुछ दिनों बाद कहा कि पूरी जमीन की रजिस्ट्री कर दीजिए। यहां स्टेशन बनेगा। इसी बीच वीडीए ने 30 दिसंबर को बगैर किसी नोटिस के मेरा मकान गिरा दिया। इस पर हम लोग हाईकोर्ट चले गए। पहली बार में स्टे नहीं मिला तो हम लोग सुप्रीम कोर्ट चले गए। वहां से 14 अप्रैल तक यथास्थिति बनाने का आदेश हुआ है।(साभार एजेंसी