सब्जी के बीजों की 4 नई प्रजातियां विकसित की गईं

UP / Uttarakhand

(वाराणसी UP)16मार्च,2025.

भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर) ने एक और उपलब्धि की ओर कदम बढ़ा लिया है। संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित चार नई सब्जी प्रजातियों के बीजों को प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश और केंद्र सरकार को भेजा गया है।

इन प्रजातियों में लाई पत्ता (सरसों का साग), गाजर, लौकी और फूलगोभी शामिल हैं। पिछले सप्ताह पंजाब में हुई 43वीं वार्षिक समूह बैठक में देश के विभिन्न संस्थानों की कुल 16 सब्जी प्रजातियों के बीजों को संबंधित राज्य और केंद्र सरकार प्रमाणीकरण के लिए भेजा गया।

इनमें 6 मुक्त परागित और 10 संकर प्रजातियां हैं। इन प्रजातियों में चेरी टमाटर, फूलगोभी, हरा मटर, लौकी, लाइपत्ता, मिर्च, पत्ता गोभी, गाजर, खीरा और नेनुआ शामिल हैं। पिछले साल देश के कई संस्थानों की 109 सब्जी प्रजातियों में आईआईवीआर की दो प्रजातियां, काशी बौनी सेम और लौकी की काशी सुब्रा को बीज प्रमाणीकरण केंद्रों से मंजूरी मिल गई थी।

आईआईवीआर की स्थापना से लेकर अब तक कुल 138 सब्जी प्रजातियों को मंजूरी मिल चुकी है। यह संस्थान की उल्लेखनीय उपलब्धि है। साथ ही किसानों के लिए गुणवत्तापूर्ण बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद कर रही है।

नई प्रजातियों की विशेषताएं:

लाई पत्ता: आईआईवीआर द्वारा विकसित लाई पत्ता की नई प्रजाति में उच्च पोषण मूल्य और बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता है। यह किसानों के लिए अधिक उपज और गुणवत्ता वाली फसलें सुनिश्चित करेगी।

गाजर: नई गाजर प्रजाति में बेहतर रंग, आकार और स्वाद है। यह किसानों को बाजार में बेहतर मूल्य दिलाने में मदद करेगी।

लौकी: नई संकर प्रजाति में उच्च उपज, बेहतर गुणवत्ता और रोग प्रतिरोधक क्षमता है। यह किसानों के लिए अधिक लाभ सुनिश्चित करेगी।

फूलगोभी: नई फूलगोभी प्रजाति में बेहतर आकार, रंग और स्वाद है। किसानों को लाभ दिलाने में सहायक होगी।(साभार एजेंसी)

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