(अयोध्या UP)06अप्रैल,2025.
राम मंदिर में विराजमान बालकराम की सेवा-पूजा एक राजकुमार की तरह होती है। वे दशरथ नंदन हैं इसलिए उनकी राजोपासना होती है। अब चूंकि आज उनका जन्मोत्सव मनाए जाने की तैयारी है, इसलिए जन्मोत्सव पर रामलला राजकुमार की तरह सज-धजकर श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे हैं। वे जन्मोत्सव पर सिर पर सोने का मुकुट और सोने-चांदी से जड़ित पीतांबरी वस्त्र धारण किए हुए हैं।
रामलला को हर पर्व व त्योहार पर विशेष वस्त्र धारण कराया जाता है। मौका राम जन्मोत्सव का है तो श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट उत्सव की भव्यता में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। पूरे मंदिर की भव्य सजावट की गई है। रोजाना शाम सात बजे से रात 10 बजे तक मंदिर में विशेष लाइटिंग परिसर की सुंदरता में इजाफा कर रही है। मुख्य पर्व यानी छह अप्रैल पर सुबह 9:30 बजे से ही रामलला का श्रृंगार शुरू हो गया । सोना, चांदी, हीरा, मोती से जड़ित विभिन्न प्रकार के आभूषण उन्हें धारण कराए गए हैं। इससे पहले उनका पंचामृत अभिषेक होगा। इसके बाद उन्हें पीले रंग का विशेष वस्त्र धारण कराया गया ऊ। यह विशेष वस्त्र मशहूर फैशन डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने तैयार किया है।
ठीक दोपहर 12 बजे रामलला के जन्म की आरती हुई। फिर चार मिनट का सूर्य तिलक हुआ। राम मंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि एक राजकुमार की तरह सज-धजकर रामलला भक्तों को सम्मोहित कर रहे हैं।
जन्मोत्सव का कार्यक्रम दोपहर 12 बजे हुआ, रामलला को 56 भोग अर्पित किये गए।
तीन क्विंटल पंजीरी का लगा भोग:
जन्मोत्सव के दिन रामलला को तीन क्विंटल पंजीरी, सवा क्विंटल चरणामृत, लड्डू व मेवे का भी भोग लगाया गया । पंजीरी पांच प्रकार की है। विशेष रूप से धनिया की पंजीरी बनवाई गई है। डेढ़ लाख लड्डू निर्मित कराया जा रहा है जो भक्तों को प्रसाद स्वरूप बांटा जा रहा ऊ। इसके अलावा अंगद टीला परिसर में नि:शुल्क भोग प्रसाद का वितरण चल रहा है।(साभार एजेंसी)