(लखनऊ UP)26अप्रैल,2025.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अमेरिका और चीन के बीच चल रहे टैरिफ वार को प्रदेश के लिए अवसर बनाने की तैयारी में है। यूपी में कानून व्यवस्था, वैश्विक स्तर की बुनियादी सुविधाओं (एक्सप्रेसवे, सामान्य एवं इंटरनेशनल एयरपोर्ट, अंतरराज्यीय जलमार्ग) का विस्तार, भरपूर मानव संसाधन के नाते सस्ता श्रम, सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएसई) को बढ़ावा देने के कारण अन्य राज्यों की तुलना में यहां संभावनाएं बढ़ गई हैं।
अब सरकार इन संभावनाओं को हकीकत में बदलने के लिए नई निर्यात नीति लाने जा रही है। इसमें इन्वेस्ट यूपी को और प्रभावी एवं पारदर्शी बनाया जाएगा। सरकार देश-दुनिया में यूपी के उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में इंटरनेशनल ट्रेड शो भी आयोजित करती है। इस साल भी 25 से 27 सितंबर तक इसका आयोजन किया जाएगा।
70 देशों के लोग ब्रांड यूपी से रूबरू होंगे:
इस बार इस आयोजन का पार्टनर देश वियतनाम होगा। इसमें भारत सहित 70 देशों के लाखों लोग ब्रांड यूपी से रूबरू होंगे। आयोजन को भव्य बनाने के लिए महाराष्ट्र, दक्षिण भारत के प्रमुख राज्यों और दिल्ली ,जयपुर, अहमदाबाद और इंदौर आदि प्रमुख शहरों एवं एयरपोर्ट्स तथा रेलवे स्टेशनों पर इनका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा। देश-दुनिया में ब्रांड यूपी के प्रचार प्रसार के लिए प्रस्तावित निर्यात नीति में निर्यात संवर्धन कोष भी बनेगा।
लेदर एवं फुटवियर के निर्यात में यूपी 46 फीसदी हिस्सेदारी के साथ देश में पहले स्थान पर है। इसे और ऊंचाई पर ले जाने के लिए सरकार लेदर एवं फुटवियर पॉलिसी भी लाने जा रही है। तमिलनाडु के बाद ऐसा करने वाला यूपी दूसरा राज्य होगा। इस नीति के लागू होने और निर्यात बढ़ने का असर कानपुर, उन्नाव से लेकर आगरा तक दिखेगा।
एमएसएमई इकाइयों में बनते हैं तमाम उत्पाद:
एमएसएमई सेक्टर के लिए तो यह टैरिफ वार गोल्डन ऑपर्च्युनिटी साबित हो सकता है। ज्ञात हो कि चीन, अमेरिका को रोजमर्रा के समानों का सबसे बड़ा (148 अरब डॉलर) निर्यातक है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इन सामानों के निर्यात में चीन की हिस्सेदारी करीब 72 फीसदी है, जबकि भारत की हिस्सेदारी सिर्फ दो फीसदी है। ये तमाम उत्पाद एमएसएमई इकाइयों में बनते हैं।
96 लाख एमएसएमई इकाइयों के लिहाज से उत्तर प्रदेश इसमें भी देश में नंबर एक पर है। सरकार इनमें बनने वाले उत्पादों को गुणवत्ता एवं कीमत में अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए इनसे जुड़े लोगों के कौशल विकास के लिए लगातार ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चलाती है। इसका निर्यात पर असर भी पड़ा है।
2030 तक निर्यात को तीन गुना करने का लक्ष्य:
विशेषकर एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) से जुड़े उत्पादों के निर्यात में काफी वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्सर कहते हैं कि एक जनपद एक उत्पाद योजना की शुरुआत के बाद से प्रदेश का निर्यात 88967 करोड़ से बढ़कर दो लाख करोड़ से अधिक का हो गया है। 2030 तक सरकार का लक्ष्य इसे तीन गुना करने का है(साभार एजेंसी)