शहर का दायरा बढ़ाते समय ही तय होगा भू-उपयोग,अवैध कालोनी बसाने के धंधे पर लगेगा अंकुश

UP / Uttarakhand

(लखनऊ UP)14मई,2025.

उत्तर प्रदेश में शहरी क्षेत्र में कृषि और हरित क्षेत्र की भूमि पर होने वाले निर्माण पर अंकुश लगाने की तैयारी है। इसके तहत शहर की सीमा का विस्तार करते ही उसका भू-उपयोग निर्धारित कर दिया जाएगा। इससे मास्टर प्लान में भी स्थिति साफ रहेगी। अवैध कॉलोनियों की बसावट पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। नगर योजना और विकास अधिनियम में इसका प्रावधान किया जा रहा है। जल्द ही इसे लागू किया जाएगा।

शहरों का सीमा विस्तार करते समय भू-उपयोग का निर्धारण नहीं होता है। इसका प्रावधान मास्टर प्लान बनाते समय किया जाता है। इसका फायदा उठाते हुए कॉलोनाइजर शहरी सीमा में शामिल किए गए क्षेत्रों में कृषि व ग्रीन बेल्ट की भूमि पर धड़ाधड़ अवैध निर्माण कर देते हैं।

इनको बाद में नियमित करना प्राधिकरणों के लिए बड़ी चुनौती बन जाता है। इसका खामियाजा जनता को भी उठाना पड़ता है। आए दिन भू-उपयोग की आड़ में विकास प्राधिकरण के अधिकारी व कर्मचारी निर्माणकर्ता को नोटिस जारी करते हैं। साथ ही उनका आर्थिक शोषण भी होता है।

अवैध कालोनी बड़ी समस्या
शहरों में कृषि और ग्रीन बेल्ट की भूमि पर प्लॉटिंग कर अवैध काॅलोनी बसाने की सबसे बड़ी समस्या है। शहरों में सस्ती भूमि की चाहत में लोग औने-पौने दामों पर बिना जांचे-परखे प्राॅपर्टी डीलरों से प्लाॅट खरीद कर उस पर मकान व दुकान बना लेते हैं। इसीलिए सरकार ऐसी व्यवस्था करना चाहती है कि लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।

निर्धारित होगा भू-उपयोग
आवास विभाग उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास अधिनियम को मौजूदा जरूरतों के आधार पर बनाने जा रहा है। इसके लिए विशेषज्ञों की टीम बनाई गई है। टीम अन्य राज्यों के भी अधिनियम का अध्ययन करेगी और विस्तृत रिपोर्ट आवास विभाग को सौंपेगी।

अधिनियम में कुछ जरूरी प्रावधान किए जा रहे हैं, इसमें विस्तारित होने वाले क्षेत्रों में भू-उपयोग पहले से तय किए जाएंगे। इसके लिए अधिनियम में नई धारा 8 (4) व (5) जोड़ी जा रही है। इसमें ही पूरी स्थिति साफ होगी। विकास प्राधिकरण या फिर आवास विकास परिषद द्वारा सीमा बढ़ते ही उसका भू-उपयोग निर्धारित कर दिया जाएगा।

ये हैं समस्याएं :
मौजूदा समय भू-उपयोग तय न होने से शहरों में अवैध सोसाइटी तेजी से बस रही हैं
अनियोजित विकास से सरकारी संस्थाओं पर विकास कराने का दबाव बढ़ता रहता है
गहराई वाले क्षेत्रों में मकान बनने की वजह से बारिश में घरों में पानी भरता है
ऐसे स्थानों पर मकान बनवाने की वजह से लोगों पर इसे गिराए जाने की डर रहता है

ये होगा फायदा :
पहले से भू-उपयोग तय होने के बाद अवैध निर्माण पर काफी हद तक रोक लगेगी
अवैध निर्माण को लेकर दायर होने वाली याचिका से भी संस्थाओं को राहत मिलेगी
तय भू-उपयोग पर निर्माण से लोगों को अपना घर गिरने का डर नहीं सताएगा
ग्रीन बेल्ट की भूमि सुरक्षित रहेगी और इस पर पार्क के निर्माण का रास्ता साफ होगा(साभार एजेंसी)

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