(लखनऊ UP)18मई,2025.
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत चयनित बच्चों को प्रवेश न देने वाले लखनऊ शहर के 80 निजी स्कूलों का अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) रद्द किया जाएगा। इस संबंध में बीएसए की ओर से नाम सहित सभी स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है। इसमें 35 स्कूल प्रबंधक ऐसे भी हैं जो आरटीई से जुड़ी डीएम की बैठक में भी नहीं पहुंचे थे।
बीएसए की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक, गरीब बच्चों को सत्र 2025-26 में 80 निजी स्कूलों ने आरटीई के तहत चयन के बाद भी बच्चों को प्रवेश नहीं दिया। इन सभी स्कूलों से प्रवेश न लेने का कारण तीन दिनों में बताने के लिए कहा गया है। साक्ष्य सहित जवाब न देने पर आरटीई एक्ट 2009 के उल्लघंन, निशुल्क शिक्षा के अधिकार के हनन, शासकीय कार्यों में बाधा डालने के आधार पर विधिक कार्रवाई होगी। इसके साथ ही एनओसी रद्द कर मान्यता के प्रत्याहरण की कार्रवाई भी शुरू होगी।
एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र ने गरीब बच्चों की लगातार उठाई आवाज:
आरटीई के तहत चयनित गरीब बच्चों की लगातार आवाज उठाई है। उसी का नतीजा है कि इस बार 12 हजार के करीब बच्चों को प्रवेश मिल सका है। इस बार 18 हजार बच्चों का चयन हुआ था। इसमें 3000 हजार अभिभावकों ने निजी स्कूलों की मनमानी से आहत होकर बच्चों का दाखिला कराने से इन्कार किया है।
स्कूलों को अंतिम नोटिस
जो स्कूल प्रवेश नहीं ले रहे हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई की तैयारी है। इन्हें अंतिम नोटिस देकर प्रवेश न लेने का लिखित आधार मांगा गया है। तीन दिनों में जो जवाब नहीं देगा उसके विरुद्ध आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।- राम प्रवेश, बीएसए (साभार एजेंसी)