उपराष्ट्रपति ने की “आपरेशन सिंदूर” की तारीफ

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(नई दिल्ली)23मई,2025.

गोवा राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत अब बहुत अलग है। भारत आत्मविश्वास से भरा और साहसी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल हमारे कठिन पड़ोसियों को बल्कि पूरे वैश्विक समुदाय को यह संदेश दिया है कि आतंकवाद को न केवल बर्दाश्त किया जाएगा, बल्कि इससे भी आगे बढ़कर आतंकवादियों को दंडित किया जाएगा।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने “ऑपरेशन सिंदूर” की तारीफ की। गोवा राजभवन के वामन वृक्षकला उद्यान में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पड़ोसियों और पूरी दुनिया को बता दिया है कि आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आतंकवादियों का पता लगाया जाएगा और उन्हें दंडित किया जाएगा।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत अब बहुत अलग है। भारत आत्मविश्वास से भरा और साहसी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल हमारे कठिन पड़ोसियों को बल्कि पूरे वैश्विक समुदाय को यह संदेश दिया है कि आतंकवाद को न केवल बर्दाश्त किया जाएगा, बल्कि इससे भी आगे बढ़कर आतंकवादियों को दंडित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि आतंकवादी जहां भी हों, उन्हें ढूंढ़ निकाला जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर की जरूरत थी और यह जारी है। इसे पूरा करने के लिए हमें अपने प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता को सलाम करना चाहिए। दुनिया ने भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत को स्वीकार किया है, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान निशाना सटीक, गणनापूर्ण और मापा गया था।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि किसी ने सबूत नहीं मांगा क्योंकि जब ताबूत ले जाए गए तो पाकिस्तानी सेना मौजूद थी, आतंकवादी मौजूद थे, पाकिस्तान की सरकार मौजूद थी। इसलिए देश को गौरवान्वित करने के लिए हमारे सशस्त्र बलों को सलाम।

इससे पहले उपराष्ट्रपति ने वामन वृक्षकला उद्यान में प्राचीन भारतीय चिकित्सक चरक और सुश्रुत की कांस्य प्रतिमाओं का अनावरण किया। इस अवसर पर राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक तथा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दामोदर नाइक भी मौजूद रहे।

कृषि अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनें किसान:
भाजपा के उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसानों को कृषि उपज को बेचने और मूल्य संवर्धन में पूरी तरह शामिल किया जाना चाहिए। इस क्षेत्र से लाभांवित होने वाले उद्योगपतियों को भी इसमें योगदान देना चाहिए। पुराने गोवा में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) में आयोजित कार्यक्रम में धनखड़ ने कहा कि किसान की आय में बड़ा बदलाव तभी आएगा जब किसान कृषि के व्यवसाय से भी जुड़ेगा। अगर किसान और उनके बच्चे खेती के सीमित दायरे तक ही सीमित रहेंगे, तो भारत की आर्थिक प्रणाली को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक गति कम हो जाएगी। कृषि समुदाय से उद्यमी तैयार करने की जरूरत है(साभार एजेंसी)

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