(नई दिल्ली )24मई,2025.
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को पूरी दुनिया से अलग-थलग करने का प्रयास जारी है। भारत के सांसदों और राजनयिकों का अलग-अलग दल विदेश में जाकर दहशतगर्दों को पनाह देने की नीति के साथ-साथ आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की सरकार और सेना के नरम तेवरों की पोल खोल रहा है। यूरोप दौरे पर गए विदेश मंत्री डॉ जयशंकर खुद पड़ोसी देश के सेना अध्यक्ष आसिम मुनीर को धार्मिक कट्टरपंथी और पहलगाम हमले की जड़ बता चुके हैं।
आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को बेनकाब करने रूस समेत कई अन्य देशों के दौरे पर गईं डीएमके सांसद कनिमोझी ने रूस में कई अहम बैठकें कीं। पूरी टीम के साथ एक प्रेस वार्ता के दौरान कनिमोझी ने कहा, हम अपना रुख स्पष्ट करने के लिए यहां आए हैं। इस प्रतिनिधिमंडल का रूस में होना बहुत महत्वपूर्ण है। रूस हमेशा से भारत के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार रहा है। 80 वर्षों से हमारे बीच बहुत मजबूत द्विपक्षीय संबंध रहे हैं… हमें लगता है कि रूस से संपर्क करके अपनी स्थिति स्पष्ट करना और इस महत्वपूर्ण क्षण में उनका समर्थन मांगना बहुत महत्वपूर्ण है।
पाकिस्तान के आतंकी प्रतिष्ठान पूरी दुनिया के लिए घातक:
थरूर के दल में शामिल भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने बताया, पीएम मोदी ने हम सभी पर दुनिया को यह बताने की बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है कि पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद पर भारत का रुख क्या है और इसके खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस नीति क्या है। साथ ही हम इस बात को भी रेखांकित करेंगे कि दुनिया को पाकिस्तान द्वारा बनाए गए इस आतंकी प्रतिष्ठान और आतंकी ढांचे पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि यह न केवल भारत के लिए खतरनाक है, बल्कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए भी खतरा है।
थरूर ने बताई गुयाना से पहले न्यूयॉर्क में रुकने की अहमियत:
भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे शशि थरूर ने बताया, हमारा पहला पड़ाव गुयाना का जॉर्जटाउन है… हम न्यूयॉर्क से होकर गुजरेंगे, वहां हमें 9/11 स्मारक देखने का मौका मिलेगा। यह दुनिया को याद दिलाएगा कि हम उन लोगों को पसंद करते हैं जिनके बारे में वे सोच रहे हैं, जो आतंकी हमलों के शिकार हुए थे… पिछले 4 दशकों से आतंकी हमलों की श्रृंखला दोहराई गई है। यह प्रतीकात्मक इशारा हमारी यात्रा की शुरुआत का प्रतीक होना चाहिए। हम गुयाना में स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने के लिए उत्सुक हैं। हम सरकारी अधिकारियों, मंत्रियों से मिलेंगे।
पांच देशों का दौरा क्यों?
थरूर बोले- हम बहस करने नहीं जा रहे
अमेरिका सहित पांच देशों की यात्रा के मकसद पर थरूर ने कहा, “सरकार ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है… हम वहां लोगों को यह समझाने जा रहे हैं कि आतंकवाद को लेकर हमारा अनुभव क्या रहा है। हमने ऑपरेशन सिंदूर क्यों किया। और, भविष्य में हमारा रवैया ऐसा क्यों होगा…। इन बिंदुओं पर हम अपनी बात रखेंगे। हम बहस करने नहीं जा रहे हैं, हमारा मकसद इस बारे में बात करना है कि भारत ने अब तक क्या-क्या झेला है।(साभार एजेंसी)