मानसून सीजन में भी ले सकेंगे जंगल सफारी का मजा;नए रूट हो रहे तैयार

UP / Uttarakhand

(लखनऊ UP)25मई,2025.

एडवेंचर को पसंद करने वाले पर्यटकों के लिए राहतभरी खबर है. यूपी पर्यटन विभाग सूबे में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नई योजना शुरू करने जा रहा है. इसके तहत टाइगर रिजर्वों को ईको टूरिज्म के हब के तौर पर विकसित किया जाएगा. वन एवं वन्य जीव विभाग की ओर से मानसून के दौरान ‘बफर में सफर’ योजना की शुरुआत की जाएगी। इस योजना के लिए टाइगर रिजर्वों में नए सफारी रूट विकसित किए जाएंगे. इसके अलावा भीरा और मोहम्मदी जैसे क्षेत्रों को भी विकसित किया जाएगा। इसके अलावा यहां के स्थानीय लोगों को गाइड और रेस्टोरेंट संचालक के रूप में ट्रेनिंग दी जाएगी. इससे स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा‌

सोहागीबरवा, उत्तरखीरी और पीलीभीत में नए जंगल सफारी मार्गों का चयन : वन एवं वन्य जीव विभाग मानसून के दौरान ‘बफर में सफर’ योजना शुरू करने जा रहा है। इसके तहत प्रदेश के टाइगर रिजर्वों के बफर जोन में सफारी के नए रूट विकसित किए गए हैं। इसके तहत दुधवा, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, उत्तर खीरी बफर जोन में नए सफारी रूट तैयार किए जा रहे हैं। सोहागीबरवा, उत्तर खीरी और पीलीभीत में बफर जोन क्षेत्रों के नए मार्गों का चयन किया गया है।

जिससे मानसून में यहां आने वाले पर्यटकों को इन जंगल सफारी में वन जीवों को पास से देखने का मौका मिल सके।इन बफर जोन में पर्यटक बरसात के दिनों में भी जंगल सफारी का आनंद ले सकेंगे। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पर्यटकों को आकर्षित करना और टाइगर रिजर्वों को अधिक दिनों तक खोलना है।

भीरा एवं मोहम्मदी में ईको टूरिज्म के लिए नए स्पॉट का चयन : पर्यटन विभाग की तरफ से जारी सूचना के अनुसार प्रदेश के वन एवं वन्य जीव विभाग ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए टाइगर रिजर्व और अभ्यारण्यों के लिए नई संभावनाओं को तलाश रहा है। इसमें लखीमपुर खीरी के भीरा और मोहम्मदी के क्षेत्रों को भी ईको टूरिज्म के स्पॉट के तौर पर विकसित किया जा रहा है। साथ ही दक्षिणी खीरी के गोला, मोहम्मदी रेंज और भीर में टूरिस्ट सर्किट का निर्माण किया गया है।

पर्यटकों को लुभाएगी वन्य जीवों की समृद्धि : वहीं इस क्षेत्र में पड़ने वाली सेमराई झील, जो पक्षियों के प्रवास के लिए प्रसिद्ध है, इसको भी सर्किट में पर्यटकों के मनोरंजन के लिए शामिल किया गया है. इसके अलावा नेपाल सीमा से सटे हुए कर्तनिया घाट के बफर जोन में भी जंगल सफारी की शुरुआत की गई है. इन क्षेत्रों में प्राकृतिक सुंदरता, जैव विविधता के साथ वन्य जीवों की समृद्धि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी।

प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने
बताया कि अभी तक मानसून के समय पर्यटन बंद रहता था। अब मानसून में भी इन्हें खोलने के लिए ऑल वेदर रूट बनाए गए हैं। इससे पर्यटकों को तो सहूलियत मिलेगी, साथ ही लोगों को रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

यूपी के टाइगर रिजर्व में अब पर्यटकों को बफर जोन में मिलेगी एंट्री : नेचर गाइड, कैंटीन कर्मी, खानसामों को प्रशिक्षण देकर स्थानीय रोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है। निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्रा ने कहा कि दुधवा कार्ययोजना के तहत स्टेक होल्डर्स और टूर-ट्रैवेल ऑपरेटर्स आदि के साथ बैठक हुई थी।इसमें पर्यटकों को पूरे साल में केवल 7 महीने ही घूमने का अवसर मिलने पर चिंता जताई गई थी. इसको देखते हुए बोर्ड की पहल पर विस्टाडोम ट्रेन का संचालन शुरू किया गया. पूरे साल लोग इसका लाभ उठा सकेंगे।

मोहम्मदी क्षेत्र का सफारी ट्रैक पूरे सालभर खुला रहेगा : निदेशक ने बताया कि इसी प्रकार से मोहम्मदी क्षेत्र में विकसित सफारी ट्रैक भी अब सालभर पर्यटकों के लिए उपलब्ध रहेगा।प्रमुख सचिव वन की अध्यक्षता में पिछले दिनों बैठक हुई थी। इसमें दुधवा नेशनल पार्क, कतर्नियाघाट और किशनपुर वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी अलग-अलग दिन बंद करने पर सहमति बनी है। अभी तक तीनों जंगल एक ही दिन बंद होते थे।अब इको सेंस्टिव जोन की अधिसूचना जारी कर इसे अलग-अलग दिन बंद किया जाएगा।

निदेशक ने बताया कि दुधवा में ईको पर्यटन विकास पर बोर्ड का 2 मुख्य बिंदुओं पर फोकस है। इसमें पहला वन संरक्षण जागरूकता है।इसके अंतर्गत नेचर गाइडों के साथ मीटिंग की गई है। उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि पर्यटकों को वन्यजीवों के साथ-साथ जंगल की विस्तार से जानकारी दें। दूसरा स्थानीय लोगों को पर्यटन से जोड़कर आय में वृद्धि करना शामिल है। इसके लिए उनके व्यंजन और क्राफ्ट को पर्यटकों तक पहुंचाया जाएगा। थारू थाली को आइटनरी में शामिल करने के लिए पिछले दिनों ट्रायल भी किया गया है. स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए नेचर गाइड, कैंटीन कर्मियों और खानसामों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

पर्यटकों को पसंद आई विस्टाडोम ट्रेन, टिकट वेटिंग : निदेशक ने बताया कि दुधवा नेशनल पार्क, कतर्नियाघाट और किशनपुर वन्यजीव अभ्यारण्य को एकीकृत करते हुए पर्यटकों के लिए सुलभ और रोमांचक अनुभव देने के लिए विस्टाडोम ट्रेन का संचालन किया जा रहा है। ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड की पहल पर शुरू की गई यह सेवा पर्यटकों को खूब पसंद आ रही है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि टिकट वेटिंग हो गया है।पर्यटकों की इस पंसदीदा ट्रेन में जल्द ही खाने की भी सुविधा मिलेगी. इसके साथ ही अत्याधुनिक तकनीकी के माध्यम से लोगों को जंगल और वन्य जीवों को बारे में ट्रेन यात्रा के दौरान बताया जाएगा।

उत्तर प्रदेश ईकोटूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड की ओर से हाल ही में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को विस्टाडोम कोच यात्रा का अनुभव कराया गया. इन्फ्लुएंसर्स ने ट्रेन के माध्यम से गुजरते जंगलों, प्राकृतिक दृश्यों और विस्टाडोम कोच के आकर्षण को कैमरे में कैद किया और उसे अपने इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर साझा किया।इसमें कई रील को अब तक 8 से 10 लाख से अधिक लोग देख चुके हैं (साभार एजेंसी)

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