(लखनऊ UP)05जून,2025.
प्रदूषण रहित परिवहन की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार एक नई पहल की तैयारी में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पुरानी डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों में बदला जाएगा। इस योजना के पहले चरण में परिवहन विभाग ने कानपुर स्थित राम मनोहर लोहिया वर्कशॉप में दो डीजल बसों को इलेक्ट्रिक में तब्दील कर दिया है। इनका ट्रायल झांसी से ललितपुर रूट पर किया जाएगा।
पुरानी बसों का होगा रिट्रोफिटमेंट:
परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि जिन डीजल बसों ने 10 वर्ष या 11 लाख किलोमीटर का सफर पूरा कर लिया है, उन्हें बस बेड़े से हटाया जाना अनिवार्य है। हर साल बड़ी संख्या में इन बसों की नीलामी होती है। अब इनकी जगह उन्हें इलेक्ट्रिक में बदला जाएगा, जिससे नई बसों की खरीद पर आने वाला खर्च बचेगा।
इस प्रक्रिया के तहत ‘रिट्रोफिटमेंट तकनीक’ का इस्तेमाल किया जाएगा। इस तकनीक से बस को इलेक्ट्रिक वाहन में बदला जाएगा, जहां इसकी बॉडी का निर्माण परिवहन निगम करेगा और बैटरी-सिस्टम जैसी तकनीकी सुविधाएं निजी कंपनियां जैसे कल्याणी पावर ट्रेन और जीरो 21 उपलब्ध कराएंगी।
5,000 इलेक्ट्रिक बसें जोड़ने की योजना पर काम:
प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए परिवहन विभाग 5,000 इलेक्ट्रिक बसों को अपने बेड़े में शामिल करने की योजना पर काम कर रहा है। इसके तहत पर्यावरण अनुकूल और कम प्रदूषण फैलाने वाली तकनीक को प्राथमिकता दी जा रही है। मंत्री ने बताया कि हाल ही में महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों में 220 इलेक्ट्रिक बसें सेवा में लगाई गई थीं, जिनमें 20 डबल-डेकर एसी बसें भी शामिल थीं।
यह पहल क्यों है महत्वपूर्ण?
यह योजना उत्तर प्रदेश को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। इससे जहां सरकारी खर्च में कटौती होगी, वहीं वायु प्रदूषण में भी भारी कमी आएगी।(साभार एजेंसी)