28 अक्तूबर से राम की नगरी में बन रहे हैं रोजाना रिकॉर्ड,कार्तिक पूर्णिमा पर भी बन सकता है बड़ा कीर्तिमान

UP / Uttarakhand

(अयोध्या UP)14नवम्बर,2024.

श्रीराम की नगरी अयोध्या कीर्तिमानों का भी एक रिकॉर्ड गढ़ रही है। पिछले 15 दिन में दीपोत्सव से लेकर परिक्रमा तक पांच रिकार्ड बन चुके हैं। अब छठवां रिकार्ड कार्तिक पूर्णिमा के मेले पर बनाकर अयोध्या कीर्तिमान का सिक्सर लगा सकती है। इसे लेकर पूरी अयोध्या नगरी में हर्ष का माहौल है।

श्रीराम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर निर्माण की शिला रखी, उसके बाद मानो देश-विदेश में अयोध्या का डंका बजने लग गया। दीपोत्सव तो प्रदेश में योगी सरकार के आते ही शुरू हो गया था, लेकिन मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद इसे और भी भव्य तरीके से मनाया जाने लगा। यहां सरयू तट पर पांच दिन के भीतर ही तीन रिकार्ड बन गए। दो रिकाॅर्ड सरयू आरती और दीपोत्सव के मुख्यमंत्री खुद ही साक्षी थे। मंडलायुक्त गौरव दयाल ने बताया की दीपोत्सव से लेकर परिक्रमा तक सब कुछ ठीक है। इस बार परिक्रमा में पिछली बार से काफी अधिक भीड़ थी। आने वाले दिनों में कार्तिक पूर्णिमा का स्नान है।

पहला रिकार्ड-72 घंटे में सजा दिए 28 लाख दीप :
अयोध्या में राम की पैड़ी पर 25 लाख दीपों को प्रज्ज्वलित कर रिकार्ड बनाने का सीएम ने ऐलान किया था। इसे देखते हुए हर बार की तरह इस बार भी अवध विश्वविद्यालय ने स्वयंसेवक लगाए थे। 35 हजार वालंटियर में स्कूल-काॅलेज के अलावा स्वयं सेवी संस्थाओं से जुड़े लोग भी शामिल रहे। 27 अक्तूबर से 55 घाटों पर दीये बिछाने का क्रम शुरू हुआ। महज 72 घंटे के अंदर ही स्वयंसेवकों ने दीये सजाकर नया रिकॉर्ड अयोध्या की झोली में डाल दिया।

दूसरा रिकार्ड-एक साथ 1100 बटुकों की सरयू आरती:
30 अक्तूबर की शाम को सरयू नदी के किनारे एक नया रिकॉर्ड बना। वह था सरयू मां की आरती का। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से अयोध्या के प्रमुख साधु-संतों और 1100 बटुकों का नाम आरती करने की सूची में शामिल किया था। तीन दिन तक आरती का ट्राॅयल भी किया गया था। दीपोत्सव वाले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामकथा पार्क से सरयू आरती स्थल पहुंचे। यहां न सिर्फ उन्होंने आरती की बल्कि 1100 बटुकों ने एक ही रंग के वस्त्र धारण कर मां सरयू की आराधना की। 15 मिनट तक चलने वाली आरती के दौरान एक और नया रिकॉर्ड बन गया।

तीसरा रिकार्ड-राम की पैड़ी समेत 55 घाटों पर 25 लाख से अधिक दीप प्रज्ज्वलित:
वालंटियर की तीन दिन की कड़ी परीक्षा के बाद जब घड़ी आई मुख्य रिकाॅर्ड बनाने की तो उसमें भी वे पीछे नहीं रहे। 30 अक्तूबर की सुबह से ही दीयों में तेल और बाती डालने का काम शुरू कर दिया। शाम को 6 बजे के बाद जब दीप जलाने का कार्य शुरू हुआ। लगभग सवा घंटे में ही सारे दीप जला दिए गए। गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड की टीम के काउंटिंग करने के बाद अयोध्या को 25 लाख 12 हजार 585 दीप जलाने एक और नया रिकॉर्ड बनाने का सर्टिफिकेट मिल गया।

चौथा रिकार्ड-35 लाख श्रद्धालुओं ने की 14 कोसी परिक्रमा:
रामलला के भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद अब रिकाॅर्ड बनाने की बारी श्रद्धालुओं की थी, सो उन्होंने कर दिखाया। कार्तिक परिक्रमा मेले से पहले ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंच गए। नौ नवंबर की शाम 6:30 बजे परिक्रमा उठाने का मुहूर्त था, लेकिन उससे पहले ही श्रद्धालुओं में आस्था इस कदर बढ़ गई की उन्होंने मुहूर्त से पहले ही परिक्रमा शुरू कर दी। 24 घंटे चलने वाली परिक्रमा में रात के समय ऐसी भीड़ पहुंची की जिला प्रशासन भी देखकर दंग रह गया। दूसरे दिन परिक्रमा का समापन दोपहर बाद 4:44 पर हुआ। 35 लाख श्रद्धालुओं के परिक्रमा करने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले कई वर्षों के मुकाबले कहीं अधिक रहा।

पांचवां रिकार्ड-25 लाख श्रद्धालुओं के पंचकोसी परिक्रमा का अनुमान:
14 कोसी परिक्रमा के बाद अब बारी थी जिले वासियों की। माना जाता है कि 14 कोसी में बाहरी श्रद्धालु अधिक रहते हैं। पंचकोसी में शहरी अधिक शामिल होते हैं। 11 नवंबर को दोपहर पौने दो बजे के करीब के मुहूर्त में श्रद्धालुओं ने परिक्रमा उठाई। रात भर मार्ग पर पर मेले जैसा माहौल रहा। सड़क के किनारे व्यापारियों की भी चांदी रही। दूसरे दिन सुबह 11 बजे के बाद परिक्रमा का समापन हुआ। एक अनुमान के मुताबिक 20 से 25 लाख श्रद्धालुओं ने परिक्रमा कर पुण्य अर्जित किया है(साभार एजेंसी)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *