(नई दिल्ली)13जून,2025.
भारत यूरोपीय संघ के साथ अपने संबंधों को उच्च प्राथमिकता देता है। यह बात विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक टिप्पणी में की। जर्मन मार्शल फंड (जीएमएफ) फोरम में फाइनेंशियल टाइम्स के ब्रसेल्स ब्यूरो प्रमुख हेनरी फॉय से बातचीत के दौरान जयशंकर ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच मुक्त व्यापार समझौता अच्छी प्रगति पर है। उन्होंने विश्वास जताया कि इस साल के अंत तक यह समझौता पूरा हो जाएगा। विदेश मंत्री ने द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती पर जोर डाला। यह केवल व्यापार तक सीमित नहीं है बल्कि रक्षा , गतिशिलता, प्रतिभा प्रभाव और शिक्षा जैसे पहलुओं के लिए लाभदायक है।
यूरोपीय आयोग सदस्यों का भारत दौरा सकारात्मक कदम:
उन्होंने बताया कि जब यूरोपीय आयोग के सदस्य हाल ही में सामूहिक रूप से भारत आए थे, तो यह एक असाधारण और सकारात्मक कदम था। यह हमारे बीच रिश्तों को गहरा करने की मांशा का संकेत है। मुक्त व्यापार समझौता इस संबंध में केंद्र बिंदु है।
भारत हर परिस्थितियों से निपटने लिए है तैयार :
इस उच्चस्तरीय वार्तालाप सत्र में भारत की विदेश नीति से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इसमें अमेरिका के साथ उसके संबंध पर बात हुई। जयशंकर ने कहा कि भारत के पास परिस्थितियों और चुनौतियों से निपटने की क्षमता है। भारत खुद के बारे में सोच सकता है। हम दुनिया से क्या लाभ उठा सकते हैं, इसके आधार पर निर्णय लेने के लिए तैयार हैं।यूरोप के इतिहास और अनुभवों के साथ इसकी तुलना करते हुए, मंत्री ने कहा कि भारत बदलती भू-राजनीतिक वास्तविकताओं और दृष्टिकोण में उभरने वाले किसी भी “ट्रांस-अटलांटिक मतभेद” से निपटने का आदी है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत अमेरिका के साथ अपने संबंधों को उतना ही महत्व देता है, जितना यूरोपीय संघ के साथ देता है। भारत प्रत्येक के साथ उन शर्तों पर व्यवहार करेगा जो दोनों के लिए लाभदायी हो।(साभार एजेंसी)