बीमा सखी योजना:एक अद्भुत सामाजिक सुरक्षा व महिला सशक्तिकरण

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(नई दिल्ली ) 25 जुलाई,2025.

ग्रामीण विकास मंत्रालय एवं भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के बीच महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना और महिलाओं को सशक्त बनाना है। इस साझेदारी के तहत, देशभर में स्वयं सहायता समूह (SHG) की प्रशिक्षित महिलाओं को ‘बीमा सखी’ के रूप में ग्राम पंचायत स्तर पर नियुक्त किया जाएगा।

यह पहल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “2047 तक सभी के लिए बीमा” के दृष्टिकोण एवं “आत्मनिर्भर भारत” के संकल्प के अनुरूप है। बीमा सखी योजना महिलाओं को वित्तीय रूप से सक्षम बनाने के साथ-साथ ग्रामीण समुदायों तक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की पहुँच सुनिश्चित करने के लिए एक सशक्त माध्यम बनकर उभरेगी।

बीमा सखियाँ, विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में, बीमा एजेंट के रूप में कार्य करेंगी और लाखों लोगों के घरों तक किफायती बीमा समाधान पहुंचाने में सक्षम होंगी। बीमा सखियों द्वारा अपने स्थानीय ज्ञान और सामाजिक जुड़ाव के माध्यम से समुदायों को बीमा के महत्व, एलआईसी के उत्पादों और वित्तीय सुरक्षा के बारे में जागरूक करने का काम किया जाएगा।

इस योजना के प्रमुख लाभ:

  • महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण – बीमा सखियाँ उद्यमिता के माध्यम से आत्मनिर्भर बनेंगी।
  • रोजगार सृजन और महिला श्रम बल में भागीदारी – ग्रामीण स्तर पर महिला श्रम बल की भागीदारी बढ़ेगी।
  • लचीला और समावेशी बीमा तंत्र – समुदाय आधारित, भरोसेमंद और किफायती बीमा सेवाएँ सुलभ होंगी।

बीमा सखी योजना, सामाजिक सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण को एक सूत्र में पिरोते हुए, भारत के ग्रामीण परिदृश्य में आर्थिक समावेशन की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में अपनी पहचान बना रही है। इसी सुदृढ़ता के साथ आगे भी इस साझेदारी को राज्य सरकारों के सहयोग, कौशल विकास कार्यक्रमों के समन्वय और सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से एक राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में विकसित करने की दिशा में काम किया जाएगा।(साभार एजेंसी)

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