रेल मंत्री बोले:रिंगस से खाटू श्याम नई रेल लाइन हेतु जमीन अधिग्रहण शुरू

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( नई दिल्ली )08अगस्त,2025.

राजस्थान में रिंगस से खाटू श्याम मंदिर तक सीधे रेल संपर्क के लिए 17 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन की योजना मंजूर दी गई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी लोकसभा में दी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना पर कुल 254 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

रेल मंत्री ने लिखित जवाब में कहा, फिलहाल खाटू श्याम मंदिर के लिए रिंगस स्टेशन रेलवे का मुख्य केंद्र है। यहां से दिल्ली तक मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की आठ जोड़ियां (दोतरफा ट्रेनें) चलती हैं, जिनमें से तीन जोड़ियां रोजाना चलती हैं। उन्होंने आगे बताया, खाटू श्याम के लिए सीधे संपर्क के मकसद से रिंगस-खाटू श्याम (17 किलोमीटर) नई रेल लाइन को 254 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी गई है। इसके लिए वर्ष 2025-26 के लिए 43 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। जमीन अधिग्रहण का काम शुरू हो चुका है।

वैष्णव ने बताया कि साल 2024-25 में रिंगस और दिल्ली क्षेत्र के बीच कुल 4.98 लाख आरक्षित यात्रियों ने यात्रा की, जबकि 2025-26 (जून 2025 तक) में यह संख्या 1.25 लाख रही। उन्होंने कहा, 2024-25 और 2025-26 (जून 2025 तक) की अवधि के दौरान रिंगस और दिल्ली क्षेत्र के बीच चलने वाली ट्रेनों की औसत सीट भरने की दर 100 फीसदी से भी अधिक रही है।

जब रेल मंत्री से पूछा गया कि क्या अलवर से नूंह-फिरोजपुर झिरका होते हुए एक नई ट्रेन सेवा शुरू हुई है, जिसे 2013-14 के बजट में मंजूरी मिली थी, तो उन्होंने बताया, दिल्ली से अलवर तक सोहना, नूंह और फिरोजपुर झिरका होते हुए 104.11 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन की योजना बजट में शामिल की गई थी, लेकिन इसके लिए जरूरी स्वीकृतियां मिलना बाकी थीं।

उन्होंने आगे कहा, इसके लिए सर्वे कराया गया और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की गई। लेकिन कम यात्री संख्या की संभावना के कारण इस परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया गया। वैसे भी दिल्ली से अलवर पहले से ही रेवाड़ी के रास्ते जुड़ा हुआ है। रेल मंत्री ने यह भी बताया कि इस समय कोटा से जयपुर के लिए 29 जोड़ियां ट्रेनें चलती हैं और कोटा से रिंगस के बीच भी तीन नियमित ट्रेन जोड़ियां चल रही हैं। उन्होंने कहा, इसके अलावा, कोटा-जयपुर-रिंगस क्षेत्र के यात्रियों की सुविधा के लिए तीन विशेष ट्रेन जोड़ियां भी चलाई जा रही हैं।

ई-टिकट पर सिर्फ 45 पैसे में मिल रही यात्रा बीमा योजना:
रेल मंत्री वैष्णव ने लोकसभा में यह भी बताया कि जो यात्री ऑनलाइन ई-टिकट बुक करते हैं, वे सिर्फ 45 पैसे में रेलवे की वैकल्पिक यात्रा बीमा योजना का लाभ उठा सकते हैं। यह बीमा प्रीमियम सभी करों सहित होता है। उन्होंने कहा कि यात्री अपनी इच्छा से टिकट बुकिंग के समय इस योजना को चुन सकते हैं। यह योजना सिर्फ उन्हीं यात्रियों के लिए है, जिनके ई-टिकट कन्फर्म या आरएसी में होते हैं। काउंटर से टिकट बुक करने वालों को यह सुविधा नहीं मिलती।

उन्होंने बताया, कोई भी यात्री जो यह बीमा लेना चाहता है, वह टिकट बुक करते समय इसे चुन सकता है। बीमा का प्रीमियम ₹0.45 प्रति यात्री प्रति यात्रा है, जिसमें सभी टैक्स शामिल हैं। यह प्रीमियम टिकट की कीमत के साथ ही जोड़ा जाता है। रेल मंत्री ने बताया कि बीमा कंपनी की ओर से यात्री को बीमा पॉलिसी की जानकारी एसएमएस और ईमेल के जरिए भेजी जाती है। इसी ईमेल में नामांकन (नाम और जानकारी) भरने का लिंक भी दिया जाता है। बीमा जारी करना और क्लेम का भुगतान सीधे बीमा कंपनी की जिम्मेदारी होती है। इसमें रेलवे की कोई भूमिका नहीं होती।

बीमा दावा (क्लेम) करने की प्रक्रिया भी यात्री और बीमा कंपनी के बीच ही होती है। यात्री को बीमा कंपनी से मिले दस्तावेजों के आधार पर सीधे बीमा कंपनी से संपर्क करना होता है। रेल मंत्री ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में 333 मामलों में यात्रियों या उनके परिजनों को बीमा कंपनियों द्वारा कुल ₹27.22 करोड़ की राशि का भुगतान किया गया है(साभार एजेंसी)

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