(देहरादून)20मई,2024.
चीन में आयोजित विश्व की सबसे खतरनाक फाइट Road to UFC MMA को रुद्रप्रयाग के लाल अंगद बिष्ट जी ने जीत ली है!
आपको बहुत-बहुत बधाईयां अंगद जी ,देश को आप पर गर्व है।
बनना था डॉक्टर लेकिन बन गए MMA फाइटर
, अंगद बिष्ट के मेडिकल सीट निकालने के उपरांत जीवन में आया नया आयाम।
मिक्स्ड मार्शल आर्ट भारत में उभरता हुआ खेल है लेकिन सही संदर्भों में देश में इस खेल में देश को पहचान दिलाने का श्रेय उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग निवासी अंगद बिष्ट को जाता है उन्होंने एम.एम.ए विश्व चैंपियनशिप का टाइटल अपने नाम किया।
बता दें कि वे देहरादून में म्युटेंट एम.एम.ए एकेडमी चलाते हैं। उतराखंड के पर्वतीय जनपद रुद्रप्रयाग के रहने वाले एक युवक के कुछ नया करने के दृढ़संकल्प ने उसे संसार के मानचित्र पर स्थापित कर दिया, अपने कड़े परिश्रम और निष्ठा से अंगद अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उत्तराखंड का नाम उजागर किया है।
जी हां हम बात कर रहे हैं मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स (MMA) वर्ल्ड चैंपियन अंगद बिष्ट (Angad Bisht MMA) की। कैटेगरी में वर्ल्ड चैंपियन हैं, इस क्षेत्र में आने की परिस्थितियां भी विचित्र और प्रेरणा दायक है। मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे अंगद मेडिकल की पढ़ाई के लिए देहरादून आए थे लेकिन भाग्य में कुछ बड़ा लिखा था “भाग्यं फलति सर्वत्रम न च विद्या न पौरूषं”। लेकिन आज अंगद ने इस सूत्र के पौरूष को चरितार्थ कर दिया। MMA फाईट के विश्व विजेता के जिस लक्ष्य को उन्होंने प्राप्त किया ,उनके परिवार और उत्तराखंड को नहीं नहीं अपितु समूचे प्रदेश को उनपर गर्व है।