(नई दिल्ली) 29सितम्बर,2025.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारत के पहले हाइड्रोजन हाईवे की शुरुआत की। इस हाईवे को बनाने का मकसद ग्रीन हाइड्रोजन की पहल को बढ़ावा देना और लंबी दूरी के माल ढुलाई को स्वच्छ ऊर्जा से जोड़ना है। इस प्रोजेक्ट के तहत प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों पर हाइड्रोजन फ्यूलिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि “हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है।” उन्होंने बताया कि भारत में दुनिया का पहला बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन ट्रक ट्रायल शुरू किया गया है। इस ट्रायल के लिए 10 रूटों पर 5 कंसोर्टियम को चुना गया है। इनके पास 37 वाहन होंगे और इसके लिए 500 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। इन ट्रायल को सपोर्ट करने के लिए 9 हाइड्रोजन रिफ्यूलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। यह नेटवर्क भारत का पहला हाइड्रोजन हाईवे होगा, जो स्वच्छ और लंबी दूरी की यात्रा के लिए इकोसिस्टम तैयार करेगा।
गडकरी ने कहा कि भारत को जल्द से जल्द कच्चे तेल के आयात पर अपनी निर्भरता कम करनी चाहिए। अभी देश की 87 प्रतिशत मांग आयात से पूरी होती है, जिस पर सालाना लगभग 22 लाख करोड़ रुपये खर्च होते हैं। यह लॉन्च एसएंडपी ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स द्वारा आयोजित पहले वर्ल्ड हाइड्रोजन इंडिया समिट में किया गया। इस कार्यक्रम में नीति निर्माता, उद्योग जगत के नेता और वैश्विक विशेषज्ञ शामिल हुए। उन्होंने सस्टेनेबल हाइड्रोजन इकोसिस्टम को बनाने के लिए नियामक ढांचे, फाइनेंसिंग मॉडल और व्यापार गलियारों पर चर्चा की।
चर्चा में यह भी शामिल था कि केमिकल कंपनियां किस तरह स्वच्छ उत्पादन प्रक्रियाओं के लिए हाइड्रोजन का उपयोग कर सकती हैं और उर्वरक उत्पादन में ग्रे हाइड्रोजन की जगह ग्रीन विकल्प कैसे अपनाए जा सकते हैं। पैनल ने अमोनिया और यूरिया के निर्माण में ग्रीन हाइड्रोजन की आर्थिक व्यवहार्यता, सहयोग मॉडल और सप्लाई चेन साझेदारी पर विचार किया। मुंबई पोर्ट अथॉरिटी और दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी के चेयरमैन सुशील कुमार सिंह ने कहा कि भारत के हाइड्रोजन निर्यात को वैश्विक लागत और गुणवत्ता मानकों के अनुरूप बनाने के लिए इंटरनेशनल सर्टिफिकेशन, डेडिकेटेड शिपिंग गलियारे और लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास बहुत जरूरी है।(साभार एजेंसी)