टिकाऊ पैकेजिंग समाधान विकसित और प्रोत्साहित करने हेतु समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित

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(नई दिल्ली)30सितम्बर,2025

टिकाऊ पैकेजिंग कार्य प्रणालियों को बढ़ावा देने और डाक सेवाओं की दक्षता में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, भारत सरकार के संचार मंत्रालय के डाक विभाग (डीओपी) के पार्सल निदेशालय ने आज वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन स्वायत्त निकाय, भारतीय पैकेजिंग संस्थान (आईआईपी) के साथ एक व्यापक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

समझौता ज्ञापन पर औपचारिक हस्ताक्षर डाक विभाग के आईपीओएस एवं एपीएमजी (बीडी और मार्केटिंग) डॉ. सुधीर जाखरे और भारतीय पैकेजिंग संस्थान, मुंबई के अतिरिक्त निदेशक डॉ. बाबू राव गुडुरी द्वारा मुख्य पोस्टमास्टर जनरल, महाराष्ट्र सर्कल, मुंबई के कार्यालय में किए गए।

सहयोग के प्रमुख क्षेत्र:
यह साझेदारी विभिन्न क्षेत्रों में नवोन्मेषी और टिकाऊ पैकेजिंग समाधान विकसित करने पर केंद्रित है। इस समझौते के अंतर्गत, आईआईपी समग्र पैकेजिंग समाधान उपलब्ध कराएगा, जिनमें शामिल होंगे:

भारतीय डाक की पार्सल सेवाओं को सशक्त बनाने के लिए विशेषज्ञ पैकेजिंग समाधान उपलब्ध कराना; नालीदार बक्सों और कपड़े के आवरण जैसी मौजूदा सामग्रियों के टिकाऊ विकल्प विकसित करना; तरल पदार्थों एवं अन्य संवेदनशील वस्तुओं के लिए उड़ान-योग्य पैकेजिंग तैयार करना; तथा पर्यावरण-अनुकूल, लागत-प्रभावी, टिकाऊ, शॉकप्रूफ, हल्की, अनुकूलन योग्य व स्केलेबल सामग्रियों पर विशेष ध्यान केंद्रित करना।

वैश्विक मानकों के सापेक्ष डीओपी की कार्यप्रणाली का मूल्यांकन और लॉजिस्टिक्स उद्योग मानकों का विश्लेषण।

टिकाऊ सामग्रियों के लिए रणनीतियों को रेखांकित करने वाला एक मूल्य निर्धारण दृष्टिकोण पत्र तैयार करना, जिसमें पारंपरिक विकल्पों की तुलना में लागत का मानकीकरण, आकार–आकृति–डिज़ाइन से संबंधित तकनीकी मानकों का निर्धारण, गुणवत्ता नियंत्रण प्रक्रियाओं का समावेश और अखिल भारतीय स्तर पर उपयोग हेतु मापनीयता की रूपरेखा प्रस्तुत की जाएगी।

कर्मचारियों को टिकाऊ कार्य प्रणालियों के बारे में शिक्षित करने हेतु वीडियो और ग्राफिक्स सम्मिलित प्रशिक्षण सामग्री विकसित की जाएगी।

यह रणनीतिक साझेदारी पैकेजिंग तकनीक में आईआईपी की 58 वर्षों की विशेषज्ञता और डाक विभाग के 1.65 लाख से अधिक डाकघरों के व्यापक नेटवर्क को एकीकृत कर टिकाऊ पैकेजिंग नवाचार के लिए एक सशक्त ढांचा तैयार करती है। यह सहयोग डाक सेवाओं की सुरक्षा और संरक्षा को सुदृढ़ करने के साथ-साथ सरकार के पर्यावरणीय स्थिरता दृष्टिकोण को भी सशक्त बनाती है। (साभार एजेंसी)

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