बिहार में 6 व 11 नवंबर को विधानसभा चुनाव

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(नई दिल्ली)06अक्टूबर,2025.
पहला चरण:
नोटिफिकेशन – 10 अक्तूबर
नामांकन की आखिरी तारीख – 17 अक्तूबर
नामांकन पत्रों की जांच की तारीख – 18 अक्तूबर
नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख – 20 अक्तूबर
विधानसभा चुनाव के लिए मतदान – 6 नवंबर

दूसरा चरण:
नोटिफिकेशन – 13 अक्तूबर
नामांकन की आखिरी तारीख – 20 अक्तूबर
नामांकन पत्रों की जांच की तारीख – 21 अक्तूबर
नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख – 23 अक्तूबर
विधानसभा चुनाव के लिए मतदान – 11 नवंबर

बिहार विधानसभा के लिए मतों की गणना – 14 नवंबर

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां
कुल पोलिंग स्टेशन की संख्या – 90, 712
एक पोलिंग स्टेशन पर वोटर्स का एवरेज – 818
शहरों में पोलिंग स्टेशन की संख्या – 13,911
गांवों में पोलिंग स्टेशन की संख्या – 76, 801
युवाओं द्वारा प्रबंधित पोलिंग स्टेशन की संख्या- 38
महिलाओं द्वारा प्रबंधित पोलिंग स्टेशन की संख्या – 1,044
मॉडल बूथों की संख्या- 1350

एसआईआर पर भी बोले मुख्य चुनाव आयुक्त:
लगभग 22 वर्षों के बाद बिहार में मतदाता सूची के शुद्धिकरण का काम पूरा हुआ। सभी राजनीतिक दलों ने यह मांग की थी कि मतदाता सूची में काफी गड़बड़ियां हैं। सोशल मीडिया में इसके बारे में काफी बढ़-चढ़कर कहा गया। लेकिन सच्चाई यह है कि 243 विधानसभाओं में 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंट्स के साथ मिलकर । एसआईआर में जमीनी स्तर के अधिकारियों को जबरदस्त मेहनत करनी पड़ी है। एक नई व्यवस्था बनाई गई है। किसी भी पोलिंग स्टेशन के ठीक बाहर कोई भी मतदाता अपना मोबाइल फोन जमा करा सकता है। इसके बाद वोट करने के बाद इसे लेकर वापस जा सकता है।

बिहार में विधानसभा का चुनावी आंकड़ा:
राज्य में कुल 243 सीटें
सामान्य सीट -203
एसटी सीट – 02
एससी सीट – 38
बिहार में कुल मतदाता – 7.42 करोड़
बुजुर्ग मतदाताओं की संख्या – 4 लाख
100 साल पूरे कर चुके मतदाता – 14 हजार
पहली बार वोट करने वाले मतदाता – 14 लाख
पुरुष मतदाताओं की संख्या – 3.92 करोड़
महिला मतदाताओं की संख्या – 3.50 करोड़
ट्रांसजेडर्स मतदाताओं की संख्या – 1725
दिव्यांग मतदाताओं की संख्या – 7.2 लाख
85 साल उम्र के मतदाताओं की संख्या – 4.04 लाख
सेवारत मतदाओं की संख्या – 1.63 लाख

चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस जारी:
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा रही है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया जा रहा है। उन्होंने कहा- बिहार की पावन भूमि पर पांच वर्षों के बाद अब विधानसभा चुनाव का आगमन हो रहा है। जैसा कि आप सबको पता है चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और यह अपनी जिम्मेदारी दो चरणों में निभाती है। पहला चरण- मतदाता सूची बनाना और दूसरा चरण- चुनाव कराना। जून 2025 से शुरू हुए एसआईआर से मतदाता सूची का शुद्धिकरण हुआ। एक अगस्त को ड्राफ्ट सूची प्रकाशित हुई और सभी राजनीतिक दलों को दी गई। एक सितंबर तक दावों और आपत्ति का समय रहा। इसमें राजनीतिक दल, बूथ एजेंट्स और नागरिकों को भरपूर समय दिया गया। उसके बाद पात्रता का परीक्षण हुआ और 30 सितंबर को फाइनल मतदाता सूची प्रकाशित हुई। अभी भी उसमें कोई अधिकारियों से गलती रह गई हो तो जिलाधिकारी के पास अपील डाली जा सकती है। किसी का नाम छूट गया हो तो नामांकन के 10 दिन पहले तक नाम जुड़वा सकता है।

एसआईआर के बाद कितनी बदली मतदाता सूची?:
आगमी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बिहार में चुनाव आयोग के द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर करवाया गया। इसमें नए सिरे से बिहार में मतदाताओं की गणना की गई। यह प्रक्रिया जून से शुरू हुई थी जिसकी अंतिम सूची 30 सितंबर को आयोग की वेबसाइट पर जारी कर दी गई। 30 सितंबर 2025 को आई इस सूची के अनुसार बिहार में कुल 7,41,92,357 मतदाता पंजीकृत है। 2020 में यह आकड़ा 7,36,47,660 था। यानी, 2020 के मुकाबले इस बार चुनाव में 5,44,697 मतदाताओं का इजाफा हुआ है। हालांकि, एसआईआर के बाद राज्य में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या में 47,77,487 कमी आई है।(साभार एजेंसी)

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