(लखनऊ)02अगस्त,2024.
एजेंसी के माध्यम से प्राप्त समाचार के अनुसार भारतीय रेलवे ने गाजियाबाद-लखनऊ के बीच ट्रेनों की औसत गति बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए मुरादाबाद-बरेली रेलखंड को ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम से लैस किया जाएगा।
गाजियाबाद-मुरादाबाद-बरेली-लखनऊ रेलखंड पर सुरक्षा-संरक्षा सुनिश्चित करते हुए ट्रेनों की औसत गति को बढ़ाने की तैयारी है। इसके लिए गाजियाबाद-मुरादाबाद के बीच काम जल्द शुरू हो जाएगा। मुरादाबाद-बरेली रेलखंड को ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम से लैस किया जाएगा
बता दें कि रेल मार्ग से लखनऊ से दिल्ली की दूरी 491 किमी और लखनऊ से बरेली की दूरी 240 किमी है। इस रेलखंड पर फिलहाल, ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 80-100 किमी प्रति घंटे है। लखनऊ से दिल्ली की दूरी तय करने में ट्रेनों से सात से नौ घंटे का समय लगता है। इस रेलखंड पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए कई काम हुए हैं, लेकिन ट्रेनों की औसत गति 110 किमी प्रतिघंटे भी नहीं पहुंच सकी।
इसका एक कारण सिग्नलों के बीच दूरी ज्यादा होना है। एक ट्रेन के गुजरने के बाद उसके पीछे आने वाली ट्रेन को देरी से सिग्नल मिलता है। ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम के जरिये सिग्नलों की दूरी कम की जाएगी।
ऐसे होगी ट्रेनों की रफ्तार तेज:
हर डेढ़ किलोमीटर पर सिग्नल लगाए जाएंगे। इससे एक ट्रेन के गुजरने के बाद पीछे आ रही दूसरी ट्रेन को सिग्नल मिलने में देरी नहीं होगी। इस कवायद के जरिये रेलखंड पर ट्रेनों की औसत गति 130-140 किमी प्रतिघंटे करने की तैयारी है।
ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम लगने के बाद दिल्ली से लखनऊ की यात्रा में एक घंटे समय की बचत होगी। सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता ने बताया कि सुरक्षा, संरक्षा और समयबद्धता सुनिश्चित करने के साथ आधुनिकीकरण पर काम किया जा रहा है। ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम से ट्रेनों की औसत गति बढ़ेगी और यात्रा का समय कम होगा।(साभार एजेंसी)