(लखनऊ)19सितंबर,2024.
किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय को 77 डॉक्टर मिल गए। इसके साथ दो साल से चल रहा इंतजार खत्म हो गया। विवि में कार्य परिषद की आकस्मिक बैठक में नियुक्ति संबंधी लिफाफे खोले गए। पहली बार एक साथ इतने पदों पर नियमित भर्ती हुई है। अनेक डॉक्टरों ने ज्वॉइन भी कर लिया है।
केजीएमयू में शिक्षकों के 141 पदों पर वर्ष 2022 से नियुक्ति प्रक्रिया चल रही थी। आरक्षण संबंधी प्रावधानों की अनदेखी के आरोप में चल रही जांच की वजह से लिफाफे नहीं खोले जा रहे थे। उधर, केजीएमयू में शिक्षकों की कमी से कई विभागों में पीजी की पढ़ाई नहीं शुरू हो पा रही है तो कई विभागों में सीटों की संख्या कम की जा रही है।
वर्ष 2022 में शिक्षक भर्ती के विज्ञापन के तहत 141 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई थी। पहली बार लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया। लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के बाद शासन ने इस पर जांच बिठा दी। शिकायत थी कि भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण संबंधी प्रावधानों की अनदेखी की गई है। इसे अब हरी झंडी मिल गई है।
हर विभाग में चाहिए कम से कम तीन शिक्षक:
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के नियम के अनुसार सभी क्लीनिकल या सुपर स्पेशियलिटी विभाग में कम से कम एक प्रोफेसर, एक एसोसिएट प्रोफेसर तथा एक असिस्टेंट प्रोफेसर होना जरूरी है। शिक्षकों की कमी से पीडियाट्रिक विभाग में पीजी की सीटों की संख्या 26 से 24 कर दी गई है।
सर्जरी की वेटिंग भी बढ़ती जा रही
केजीएमयू में भर्ती प्रक्रिया पूरी न हो पाने से सर्जरी की वेटिंग भी बढ़ती जा रही है। एनेस्थीसिया विभाग में इस समय 31 विशेषज्ञ हैं। ये स्टूडेंट्स की पढ़ाई के साथ सर्जरी के दौरान मरीजों को बेहोशी देने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। जिन पदों का विज्ञापन निकाला था, उनमें एनेस्थीसिया और कार्डियक एनेस्थीसिया के 12 विशेषज्ञों के भी पद थे। केजीएमयू में एक दिन में छोटे-बड़े मिलाकर करीब 250 ऑपरेशन होते हैं। इसके बावजूद मरीजों को दो-दो महीने इंतजार करना पड़ रहा है। नई नियुक्ति से रोजाना करीब 50 सर्जरी बढ़ जाएगी(साभार एजेंसी)