हाईवे के आधुनिक कैमरे रखेंगे रफ्तार पर नजर,कम होगी हादसों की संख्या

UP / Uttarakhand

(मुरादाबाद UP)12नवम्बर,2024.

एनएचएआई हापुड़ से लेकर बरेली हाईवे तक एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) के तहत हाईटेक कैमरे लगाने की योजना है। इस पर 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस सिस्टम के माध्यम से हाईवे पर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन होने पर पुलिस तक तत्काल जानकारी पहुंच जाएगी। इसके अलावा वाहन चालक की सभी गतिविधियां सीसीटीवी में कैद होंगी।

मुरादाबाद एनएचएआई के अधिकारियों ने हापुड़ से लेकर हाईवे बरेली तक एटीएमएस लगाने के लिए सर्वे किया है। प्रस्ताव के तहत हाईवे पर एटीएमएस के माध्यम से वाहनों पर नजर रखी जाएगी। प्रत्येक एक किलोमीटर पर हाईटेक कैमरे लगाए जाएंगे, जो वाहनों के नंबर पढ़ने में देर नहीं लगाए जाएंगे।

सिस्टम स्थापित करने के लिए मुरादाबाद में कमांड एवं कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। यदि कोई वाहन हाईवे पर ओवर स्पीड, गलत साइड से चल रहा है तो उसकी जानकारी जिले की पुलिस को तत्काल एप के माध्यम से मिल जाएंगी। साथ ही ऑनलाइन चालान भी पुलिस कर सकती है। यदि कोई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है तो कंट्रोल रूम को उसकी जानकारी मिल जाएगी।

एनएचएआई के वाहनों की मदद से घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। पुलिस भी घटना में प्रयुक्त वाहनों की पहचान कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। इसके अलावा हाईवे की सड़क खराब होने पर विभाग को जानकारी आसानी से मिल सकेगी। संभावना है कि इस प्रस्ताव को शीघ्र मंजूरी मिलेगी।

इस सिस्टम को लगाने में करीब 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस बारे में एनएचएआई के पीडी अरविंद कुमार का कहना है कि उन्होंने एक प्रस्ताव मुख्यालय भेज दिया है। खतरनाक ढंग से वाहन चलाने वाले पकड़े जाएंगे। हापुड़ से लेकर बरेली मार्ग की लंबाई लगभग 220 किमी है। इसमें कई अंडर पास भी निर्मित हैं। राज्य कर विभाग (प्रवर्तन) को भी एटीएमएस से मदद मिलेगी।

छह माह में 219 सड़क हादसे:
जिले में जनवरी से लेकर जून तक 219 सड़क हादसे हुए हैं। इनमें 118 लोगों की मौत हुई थी। 204 लोग घायल हो गए थे। इसमें हाईवे पर भी कई हादसे हुए हैं। अमूमन हाईवे पर हादसा होने के बाद एनएचएआई के एंबुलेंस चालक को काफी देर में सूचना मिलती है।

हादसे के बाद घटना के कारणों का पता नहीं चल पाता है। एटीएमएस के लगाए जाने के बाद घटनास्थल का शीघ्र पता चलेगा। घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा सकता है। घटना के कारणों को जानने में आसानी होगी। पुलिस की समीक्षा में आया है कि तेज रफ्तार के कारण अधिक हादसे हुए हैं।

रिंग रोड और अन्य मार्गों को भी जोड़ा जाएगा:
एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि 2025 तक रिंग रोड भी बनकर तैयार हो जाएगी। इस सिस्टम को रिंग रोड पर भी स्थापित किया जा सकता है। इस सिस्टम से दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी। प्रशासन इसके लिए तैयार हा गया है(साभार एजेंसी)

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