(गोरखपुर UP)15नवम्बर,2024.
गोरखपुर जनपद के भटहट क्षेत्र के पिपरी में बन रहे प्रदेश के पहले महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य 30 नवंबर तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। इस विश्वविद्यालय में आयुष से जुड़े सभी चिकित्सा पद्धतियों पर पारंपरिक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ आज के दौर की आवश्यकताओं के अनुरूप नए कोर्स भी चलाए जाएंगे।
इसे लेकर आयुष विभाग के अफसर देश के अन्य राज्यों में चलाए जा रहे आयुष पाठ्यक्रमों के तुलनात्मक अध्ययन में जुटे हैं, ताकि यहां चलाए जाने वाले और नए कोर्स की ड्राफ्टिंग की जा सके। फिलहाल पीएचडी समेत दर्जनभर पाठ्यक्रमों को चलाने की रूपरेखा तैयार कर ली गई है।
महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था। 52 एकड़ क्षेत्रफल में बन रहे इस विश्वविद्यालय से सत्र 2021-22 से प्रदेश के सभी राजकीय और निजी आयुष कॉलेजों का नियमन होता है। वर्तमान सत्र 2024-25 में प्रदेश के 97 आयुष शिक्षण (आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी) के कॉलेज/संस्थान इस विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं।
इस सत्र में इन सभी कॉलेजों में कुल मिलाकर स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रमों के करीब सात हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। अभी यहां आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा, योग और सिद्धा की चिकित्सा पद्धति से मरीजों का इलाज किया जाता है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह बताते हैं कि स्नातक और परास्नातक के साथ समयानुकूल कई और रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। पाठ्यक्रमों को लेकर आयुष विश्वविद्यालय ने जो आगामी कार्ययोजना बनाई है, उसमें पीएचडी, बीएससी नर्सिंग आयुर्वेद, बी फार्मा आयुर्वेद, बी फार्मा होम्योपैथ, बी फार्मा यूनानी, पंचकर्म असिस्टेंट डिप्लोमा, पंचकर्म थेरेपिस्ट डिप्लोमा, विदेशी छात्रों के लिए डिप्लोमा,क्षारसूत्र डिप्लोमा, अग्निकर्म डिप्लोमा,उत्तरवस्ति डिप्लोमा और योग नेचुरोपैथी डिप्लोमा शामिल है। इसके अलावा कुछ सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किए जाएंगे(साभार एजेंसी)