(श्रावस्ती UP)30नवम्बर,2024.
थाईलैंड का 25 सदस्यीय अनुयायियों का दल विश्व शांति की कामना लेकर बुद्ध की तपोस्थली श्रावस्ती पहुंचे। अनुयायियों ने भिक्षु देवानंद के नेतृत्व में आनंद बोधि पर प्रार्थना कर बुद्ध मंत्र का जाप करते हुए तपोस्थली के विभिन्न मूमेंटों का भ्रमण किया।
इस दौरान भिक्षु देवानंद ने कहा कि जिन्होंने महात्मा बुद्ध को देखा सुना था। प्रारंभिक धर्म नीति साहित्य के कुछ हिस्सों में उनके संस्मरण संग्रहित हैं। इस विषय में यहां विस्तार से प्रमाण नहीं दिए जा सकते। उस काल में लेखन कला अधिक प्रचलित नहीं थी। इसलिए स्मरणशक्ति तब आज की अपेक्षा प्राय: अधिक सही और तीव्र थी। इसका प्रमाण यह है कि इससे भी पूर्व का ग्रंथ ऋग्वेद स्मृति के सहारे हमें प्राप्त हुआ है। उसके पाठों में बाद के ग्रन्थों से कम विभिन्नता मिलती है।
तपोस्थली के भ्रमण के दौरान अनुयायियों ने बुद्ध मंत्रणा करते हुए बुद्धम् शरणम् गच्छामि संघम् शरणम् गच्छामि धम्मम् शरणम् गच्छामि का उद्घोष भी किया। इसके बाद उनके द्वारा तपोस्थली स्थित गंध कुटी, सभामंडप, कौशांबी कुटी, अंगुलिमाल स्तूप, पूर्वाराम बिहार, सूर्य कुंड आदि का भ्रमण भी किया गया(साभार एजेंसी)