(वाराणसी UP)05दिसम्बर,2024.
महाकुंभ में साधु-संतों की जुटान होने लगी है। धर्मध्वज का रोहण हो चुका है। अब साधु-संत 22 दिसंबर को होने वाली पेशवाई की यात्रा की तैयारी में जुट गए हैं। इसमें देशभर से अखाड़ों के साधु-पहुंचेंगे। काशी में स्थापित आखाड़ों से पांच हजार से अधिक साधु-संत पैदल जाएंगे। पहला शाही स्नान 15 जनवरी को होगा।
अखाड़ा परिषद की विभिन्न शाखाओं की ओर से साधु-संत तैयारी में जुट गए हैं। अखाड़ों के कुंभ में नगर प्रवेश के बाद पिछले माह 23 नवंबर को धर्म ध्वजारोहण हुआ। अब अखाड़ों की ओर से करीब 15 किमी की पेशवाई यात्रा निकालने की तैयारी तेज हो गई है। जमुना नदी के पार से गाजेबाजे, हाथी-घोड़ा के साथ पेशवाई की शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसमें नागा साधु भी रहेंगे। काशी में मौजूद जूना अखाड़ा, पंचायती अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा आदि के साधु-संत व महामंडलेश्वर पैदल ही जाएंगे। तीन पड़ाव पर रुकते हुए वहां पहुंचेंगे।
जूना अखाड़ा के प्रेम जी महाराज ने बताया कि 14 दिसंबर को काशी से साधु-संत जाएंगे। वहां पेशवाई में शामिल होंगे। पहला स्नान 15 जनवरी मकर संक्रांति, दूसरा 29 जनवरी मौनी अमावस्या तथा अंतिम तीन फरवरी बसंत पंचमी को होगा।
महाकुंभ में देश-विदेश के श्रद्धालु देखेंगे ज्ञानवापी का मॉडल:
महाकुंभ में ज्ञानवापी का मॉडल देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु देखेंगे। मॉडल की प्रदर्शनी 10 जनवरी से 15 फरवरी तक लगेगी। यह मॉडल 9 मंडप वाला होगा। इसके जरिये 1669 में ज्ञानवापी की स्थिति, खोदाई और उसके पहले पाए गए देवी-देवताओं के छायाचित्रों को प्रदर्शित किया जाएगा।
श्रीआदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास की ओर से ज्ञानवापी की मुक्ति के लिए सनातनियों को जागरूक करने के लिए प्रयागराज में महाकुंभ में प्रदर्शनी लगाई जाएगी। न्यास के प्रबंध ट्रस्टी डॉ. राम प्रसाद सिंह ने बताया कि प्रदर्शनी में गत वर्ष एएसआई की खोदाई से लेकर इसके पहले के ज्ञानवापी में मौजूद साक्ष्यों को दर्शाया जाएगा।
प्रदर्शनी में ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग, दीवारों पर देवी-देवताओं के चित्र, सनातन मंदिरों की नक्काशी, मां गंगा की सवारी मगरमच्छ को दिखाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी छायाचित्रों और मॉडल के इतिहास के बारे में भी अंकित किया जाएगा। इसके अलावा महाकुंभ के पहले 29 नवंबर से सात दिसंबर तक संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के मैदान में आयोजित कथा स्थल पर ज्ञानवापी मॉडल की प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
कुंभ के बाद काशी में करेंगे बाबा विश्वनाथ के दर्शन:
महाकुंभ में बसंत पंचमी पर स्नान के बाद बनारस के अखाड़ों के अलावा नागा साधु काशी लौटेंगे। यहां पर शोभायात्रा निकालकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन करेंगे। होली तक काशी में रहेंगे। इसके बाद साधु-संत अपने अखाड़ों के लिए लौट जाएंगे। हर अखाड़ों के अपने देवता भी होते हैं। सभी उनके दर्शन पूजन करते हैं।
4000 नए साधुओं का होगा संस्कार:
महाकुंभ में नए साधुओं का संस्कार भी होगा। बाहर से आने वाले नए साधुओं का विधिवत अनुष्ठान के साथ उनका संस्कार किया जाएगा। सभी अखाड़े अपने नए साधुओं का संस्कार करते हैं। अखाड़ा परिषद से ही किन्नर अखाड़े भी जुड़ गए हैं, तो उनका भी संस्कार होता है(साभार एजेंसी)