महाकुंभ में जलती मोमबत्तियों पर दिखेगा अनूठा मूंछ नृत्य,गिनीज बुक में दर्ज है दुकानजी का नाम

UP / Uttarakhand

(प्रयागराज UP)06दिसम्बर,2024.

महाकुंभ में संगमनगरी के कलाकारों को भी मंच मिलेगा। इस बार महाकुंभ में विश्व की सबसे छोटी गीता और मूंछ नृत्य आकर्षण का केंद्र बनेगा। पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी से जुड़े मूंछ नर्तक राजेंद्र कुमार तिवारी दुकान जी देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं को अपने इस अनूठे प्रदर्शन से भाव -विभोर करेंगे। इनके अलावा कई लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे।

सीएम योगी आदित्यनाथ के हाथों सम्मानित गंगा सेवक पांच सौ साल पुराने सिक्कों का प्रदर्शन करेंगे। इसे देखने देश दुनिया के लोग इकट्ठे होंगे। 160 पेज की सबसे छोटी गीता को लेकर मूंछ नर्तक राजेंद्र कुमार तिवारी का दावा है कि यह दो अंगुलियों के बीच आसानी से आ सकती है।

कुचिपुड़ी, मणिपुरी नृत्य भी करेंगी मोमबत्तियों से लैस मूंछें:
मूंछ नर्तक दुकान जी अपनी मूंछों से सुर लय और ताल का ऐसा संगम प्रस्तुत करने जा रहे हैं, जिसे देख दुनिया आश्चर्य चकित हो जाएगी। दुकान जी की मूंछों पर जलती हुई मोमबत्तियां चार, छह और आठ की संख्या में एक साथ नृत्य करती नजर आएंगी। कुचिपुड़ी, मणिपुरी के अलावा गरबा, कत्थक, भरतनाट्यम और डांडिया भी यह मोमबत्तियां करने में सक्षम हैं। दुकानजी ने मूंछों का प्रदर्शन करने में बाधा बन रहे अपने ज्यादातर दांत उखड़वा दिए हैं।

पूर्व राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल , नारायणन समेत 22 देशों के लोगों ने देखा है अनूठा नृत्य:
दारागज के निवासी मूंछ नर्तक राजेंद्र कुमार तिवारी का यह नृत्य गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। 22 देशों में इन्होंने अपनी मूंछों का करतब दिखाया है। यही नहीं पूर्व राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा, के.आर. नारायणन के अलावा पूर्व राज्यपाल विष्णु कांत शास्त्री दुकानजी की मूंछों पर खड़ी मोमबत्तियां जलाकर कार्यक्रमों का शुभारंभ कर चुके हैं। इसके साथ ही यूरोप की पहली महिला प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर समेत कई देशों के गणमान्य व्यक्तियों ने मूंछों की जादूगरी देखी है(साभार एजेंसी)

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