(लखनऊ UP)14दिसम्बर,2024.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार को संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) का 41वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में सीएम योगी आदित्यनाथ शामिल हुए। उनके साथ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह मौजूद रहे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संजय गांधी पीजीआई से देश की सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य में स्वास्थ्य का मानक तय करता है। कोरोना महामारी के दौरान 36 जनपदों में आईसीयू नहीं थे। ऐसे में संस्थान के निदेशक ने सुझाव दिया कि हम लोग टेली आईसीयू चला सकते हैं। उनकी सहायता से प्रदेश में वर्चुअल आईसीयू प्रारंभ किया था। इससे हजारों लोगों की जान को बचाने में मदद मिली थी।
सीएम ने सुनाई दार्शनिक की कहानी
उन्होंने कहा कि देश का यह पहला संस्थान हैं जिसे सीएसआर से पांच सौ करोड़ मिले हैं। इस दौरान सीएम योगी ने SGPGI के डॉक्टरों को संबोधित करते हुए एक दार्शनिक की कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि जीत की तैयारी इतने शालीनता के साथ करो कि आपकी सफलता शोर मचा दे। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि युवाओं को अपनी जीवन शैली सुधारने के लिए कहा।
पिछले साल की उपलब्धियों का ब्योरा पेश किया:
स्थापना दिवस पर विशाखापट्टनम के गीतम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च की प्रो वाइस चांसलर प्रो. डॉ. गीतांजलि बैटमैन बाने ने मुख्य भाषण दिया। इस मौके पर शोध दिवस में अच्छे पेपर प्रस्तुत करने वाले 19 शिक्षक और 24 विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमन ने सभी का आभार जताया। पिछले साल की उपलब्धियों का ब्योरा पेश किया।
अंगदान के लिए जागरूक करें डॉक्टर:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डॉक्टरों को ब्रेन डेड व्यक्तियों के घरवालों को जागरूक करने का प्रयास करना चाहिए। ऐसे व्यक्तियों के शरीर का अंतिम संस्कार कर दिया जाता है। इसके चलते वह शरीर किसी के काम नहीं आ पाता है। अगर अंगदान हो जाए तो एक ब्रेन डेड व्यक्ति से कई जरूरतमंदों को नया जीवन मिल सकता है। अगर नेता अंगदान की बात करते हैं तो उसे कम गंभीरता से लिया जाता है। वहीं अगर डॉक्टर यह बात कहेंगे तो उसे ठीक तरह से लिया जाएगा। यह इलाज से हटकर सामाजिक जिम्मेदारी है जिसे डॉक्टरों को निभाना चाहिए। हालांकि अभी भी काफी डॉक्टर यह काम कर रहे हैं।
स्थापना दिवस समारोह के मौके पर बेहतर करने वाले चिकित्सकों को पुरस्कृत किया गया:
बेस्ट सीनियर रेजिडेंट – डॉक्टर एमएफ निजामी- न्यूरोलॉजी
बेस्ट सीनियर रेजिडेंट- डॉ पूजा तस्कर- न्यूरो सर्जरी
बेस्ट जूनियर रेजिडेंट- डॉक्टर एस्थर ओक- एनेस्थीसिया
बेस्ट नर्सिंग स्टाफ एसएनओ – अनीता- सर्जिकल गैस्ट्रो
बेस्ट नर्सिंग स्टाफ एनओ – हेमलता – कार्डियोलॉजी
बेस्ट टेक्नीशियन एमएलटी – संजय प्रजापति- क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी एंड रूमेटोलॉजी
बेस्ट टेक्नीशियन जेएमएलटी – सुनील कुशवाहा – रेडियो डायग्नोसिस
अप्रकाशित श्रेणी- मेडिकल
डॉ पीयूष मिश्रा- नेफ्रोलॉजी, डॉक्टर श्रीनिवास श्रीनिधि वदलापुडी- पीडियाट्रिक गैस्ट्रो, डॉक्टर रिचा त्यागी – पल्मोनरी मेडिसिन, डॉक्टर तुबा कमर – क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी एंड रूमेटोलॉजी
अप्रकाशित श्रेणी- मेडिकल
डॉक्टर रिनेल मैसकरहेनस- एंडोक्राइन सर्जरी, डॉक्टर नसरीन हमीद- न्यूरोसर्जरी, डॉक्टर दिव्या प्रियदर्शनी बेहरा- एंडोक्राइन सर्जरी
प्री, पैरा और बेसिक अप्रकाशित श्रेणी
डॉ श्रेया श्रीवास्तव- पैथोलॉजी, डॉक्टर प्राणकृष्णा-
रिसर्च सेंटर हेमेटोलॉजी
डॉक्टर प्रियंका यादव- इंडोक्रेनोलॉजी
क्लीनिकल विंटेज और प्रकाशित श्रेणी
डॉ श्रुति बंसल- रेडियोथैरेपी , डॉक्टर तरुण कुमार पीडियाट्रिक सर्जिकल सुपर स्पेशियलिटी, डॉक्टर देवांश गुप्ता – क्रिटिकल केयर मेडिसिन, डॉक्टर कृष्णू खोटी पनवारी मेडिसिन
शिक्षक श्रेणी मेडिकल:
प्रोफेसर नारायण प्रसाद – नेफ्रोलॉजी, डॉक्टर दुर्गा प्रसन्ना मिश्रा- क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी एंड रूमेटोलॉजी , डॉक्टर रुचिका टंडन- न्यूरोलॉजी ,डॉक्टर अरशद नजीर – कार्डियोलॉजी
शिक्षक श्रेणी सर्जिकल
डॉ अनंत मेहरोत्रा- न्यूरोसर्जरी, डॉक्टर एम रवि शंकर- न्यूरो सर्जरी, डॉक्टर पवन कुमार वर्मा – न्यूरो सर्जरी, डॉक्टर आशुतोष कुमार – न्यूरो सर्जरी, डॉक्टर सौमेन कांजीलाल- न्यूरो सर्जरी
शिक्षक श्रेणी प्री, पैरा और बेसिक
डॉक्टर खलिकर रहमान- हेमेटोलॉजी डॉक्टर सीपी चतुर्वेदी- स्टेम सेल रिसर्च सेंटर हेमेटोलॉजी, डॉक्टर अंशिका श्रीवास्तव- मेडिकल जेनेटिक्स
क्लीनिकल विंटेज शिक्षक श्रेणी
डॉ जिया हाशिम- पल्मोनरी मेडिसिन, डॉक्टर अंकुर मंडेलिया- पीडियाट्रिक सर्जिकल सुपर स्पेशियलिटी , डॉक्टर सुमित सचान- एनेस्थीसिया, डॉक्टर सुनील कुमार के – नियोनेटोलॉजी
नए शिक्षक श्रेणी:
डॉ के कुमार मयप्पन – नेफ्रोलॉजी, डॉक्टर ए हसीना- मेडिकल जेनेटिक्स, डॉक्टर निधि सिंह – एनेस्थीसिया
न्यूज लेटर के मुख्य संपादक – डॉ प्रेरणा कपूर(साभार एजेंसी)