महाकुंभ :रत्न जड़ित रथों और बग्घियों पर सवार होकर छावनी प्रवेश के लिए निकले जूना अखाड़े के नागा संन्यासी

UP / Uttarakhand

(प्रयागराज UP)15दिसम्बर,2024.

देश के सबसे बड़े दशनामी परंपरा के संन्यासियों के अखाड़े के रूप में जूना अखाड़े की पेशवाई (छावनी प्रवेश) पूरे राजशाही अंदाज में हुई। इसमें देश-दुनिया से 10 हजार से अधिक नागा संन्यासियों ने हिस्सा लिया। अस्त्र-शस्त्र, बैंडबाजा के साथ सुसज्जित रथों पर जूना अखाड़े के संत सवार हुए। इस छावनी प्रवेश की पेशवाई में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद समेत 65 से अधिक महामंडलेश्वर शामिल रहे।

रथों, बग्घियों के अलावा घोड़ों को सुसज्जित किया गया था। सोने, चांदी के हौदे और सिंहासन पर संन्यासी विराजमान रहे। यमुना तट स्थित मौजगिरि आश्रम से दोपहर 12:30 बजे छावनी प्रवेश के लिए जूना अखाड़े का विशाल काफिला निकला। सबसे आगे अखाड़े के देवता चल रहे थे। इनके बादरमता पंच, शंभू पंच, श्री पंच, बूढ़ा पंच घोड़ों पर सवार होकर चल रहे थे। घोड़ों पर डंका-निशान और ध्वजा-पताकाएं लेकर नागा संन्यासी आगे बढ़ रहे थे।

शंखनाद, डमरूनाद के साथ ही तरह-तरहके बैंडबाजे पेशवाई के दौरान बज रहे थे। गुरु दत्तात्रेय की चरण पादुका भी रथारूढ़ रही। जूना अखाड़े के प्रवक्ता श्रीमहंत नारारायण गिरि ने बताया कि पूरे सजधज के साथ छावनी प्रवेश हुआ। इसमें 10 हजारे अधिक नागा संन्यासियों ने हिस्सा लिया। संन्यासिनियां और महिला महामंडलेश्वर भी रथों पर सवार होकर निकलीं। इसमें 65 से अधिक महामंडलेश्वर अलग-अलग रथों पर सवार रहे।

150 से अधिक रथों पर संतों की सवारियां निकलीं। जूना अखाड़े के संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरि ने छावनी प्रवेश की तैयारियों को एक दिन पहले ही अंतिम रूप दे दिया था। इस विशाल छावनी प्रवेश में नागा संन्यासी अस्त्र-शस्त्र के साथ आगे चल रहे थे। इसमें बड़ी संख्या में किन्नर संत भी शामिल रहे। आचार्य महामंडलेश्वर, महामंडलेश्वर, जगद्गुरु, पीठाधीश्वर, महंत सहित अन्य पदाधिकारियों ने छावनी प्रवेश में हिस्सा लिया। छावनी प्रवेश के दौरान जगद्गुरु स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती, जूना अखाड़े के अध्यक्ष महंत प्रेमगिरि,गर्गाचार्य मुचकुंद पीठाधीश्वर स्वामी महेंद्रानंद गिरि,जगद्गुरु स्वामी भुवनेश्वरी गिरि भी शामिल रहीं।

प्रवेशाई की शोभा यात्रा में दिखी दिव्य, भव्य महाकुंभ के आयोजन की झलक:
प्रयागराज में जनवरी 2025 में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ में जन आस्था के सबसे बड़े आकर्षण 13 अखाड़ों का महाकुंभ नगर में प्रवेश का सिलसिला शुरू हो गया है। इसी क्रम में शनिवार को महाकुंभ के लिए श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े ने पूरी भव्यता और राजसी अंदाज के साथ महाकुंभ नगर में प्रवेश किया। जूना अखाड़े के साथ किन्नर अखाड़े ने भी अनुगामी बनकर अपनी छावनी में प्रवेश किया।

सनातन की अलख जगाने जूना अखाड़ा पहुंचा महाकुंभ नगर में अपनी छावनी:

त्रिवेणी के तट पर लगने जा रहे आस्था के महा समागम महाकुंभ में शामिल होने के लिए अखाड़ों का महाकुम्भ नगर में प्रवेश का सिलसिला शुरू हो गया है।श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े ने अपने आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी की अगुवाई में अपनी छावनी में प्रवेश किया। जूना अखाड़े के श्री मौज गिरी आश्रम से शुरू हुई जूना की यह प्रवेशाई महाकुंभ नगर के सेक्टर 20 में समाप्त हुई। जूना अखाड़े के राष्ट्रीय प्रवक्ता महंत नारायण गिरी का कहना है कि इस प्रवेश यात्रा में आचार्य महा मंडलेश्वर सहित 65 महा मंडलेश्वरों ने हिस्सा लिया। सौ से अधिक शाही बग्घियों में सवार होकर आठ हजार से अधिक साधु संत छावनी पहुंचे।

अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि का कहना है कि दुनिया भर के करोड़ों लोगों की नजरें हमारे सनातन संस्कृति के कालजयी पर्व पर हैं। हमारे अखाड़े का छावनी प्रवेश में पहला दिन होगा जिसके बाद अखाड़े के सभी पूजा अनुष्ठान छावनी में स्थापित देवता के समक्ष होंगे।

किन्नर अखाड़े की देवत्व यात्रा में शामिल हुए सैकड़ों किन्नर:
श्री पंच दशनाम अखाड़े के साथ उसका अनुगामी बनकर किन्नर अखाड़े ने भी अपनी प्रवेश यात्रा निकाली। किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में यह प्रवेश यात्रा निकाली गई जिसमें किन्नर अखाड़े के सैकड़ों सदस्यों ने हिस्सा लिया। भव्य राजसी सिंहासनों में सवार होकर किन्नर अखाड़े की सवारी निकली।

पेशवाई मार्ग में दिखी सुव्यवस्थित और सुरक्षित कुंभ की झलक:
श्री पंच दशनाम अखाड़े के पेशवाई मार्ग में योगी सरकार की तरफ से विशेष व्यवस्था की गई थी। पेशवाई का संपूर्ण मार्ग पहली बार अखाड़ों के जुलूस के ऊपर से गुजरने वाले बिजली के तारों से मुक्त कर दिया गया। इसके अलावा पेशवाई मार्ग से बिजली के पोल हटाकर अंडर ग्राउंड केबल बिछाई गई। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्य अभियंता प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि पेशवाई के सभी मार्गों से बिजली के पोल हटा दिए गए हैं। अंडर ग्राउंड केबल से बिजली आपूर्ति की जा रही है।

लगभग 12 करोड़ रुपये की लागत से मेला क्षेत्र में प्रमुख पेशवाई मार्गों पर रोड क्रॉसिंग तारों को केबल में बदला गया है। इससे अखाड़ों के संतों के जुलूस निर्बाध रूप से शहर से छावनी में प्रवेश कर सकेंगे। पेशवाई की सड़कों को दिल्ली की जनपथ की सड़कों की तर्ज पर बनाया गया है। चौड़ी और विस्तारित सड़कों के निर्माण से पेशवाई मार्ग में जाम की समस्या से पूरी तरह निजात मिल गया। स्पेन से आई जूना अखाड़े की अवधूत संत अंजना गिरी बताती हैं कि वह 30 बरस से हर कुम्भ और महाकुम्भ आ रही हैं लेकीन महा कुम्भ में इतनी स्वच्छता और इतनी भव्यता कभी नहीं दिखी(साभार एजेंसी)

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