खरीदी जाएंगी तीन हजार डीजल बसें, बदली शिक्षकों की तबादला नीति,योगी कैबिनेट ने लिए बड़े फैसले

UP / Uttarakhand

(लखनऊ UP)18दिसम्बर,2024.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 3000 डीजल बसें खरीदने के लिए एक हजार करोड़ रुपये की राशि व्यय करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि विभाग के बेड़े में कुल 7000 बसों का इजाफा किया जाना है, जिसमें से एक हजार डीजल बसों को खरीदने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूर कर लिया है। वहीं दूसरी ओर कैबिनेट ने बलिया की बैरिया तहसील के ग्राम चांददीयर में आईएसबीटी (अंतरराज्यीय बस टर्मिनल) की स्थापना के लिए राजस्व विभाग की भूमि को परिवहन विभाग के पक्ष में निशुल्क हस्तांतरित करने के प्रस्ताव को भी मंजूर कर लिया है। इसके निर्माण से बलिया और आसपास के जिलों में रहने वाले लाखों लोगों को आवागमन में सुविधा होगी

इन प्रस्तावों को भी मिली मंजूरी

  • अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) के लखनऊ परिसर की स्थापना हेतु राजस्व विभाग की भूमि उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
  • अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र के अंतर्गत छूटे हुए राजस्व ग्राम-कस्बा खैर को भी प्राधिकरण के विकास क्षेत्र में अधिसूचित कराए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी।
  • पीएसी वाहिनियों के 72 अदद निष्प्रयोज्य वाहनों की जगह नए वाहनों को खरीदने के प्रस्ताव को दी गई मंजूरी।
  • उप्र राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश, 2024 का प्रतिस्थानी विधेयक विधानमंडल में पेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी।

एडेड महाविद्यालयों के शिक्षकों का तबादला तीन साल में:
प्रदेश में उच्च शिक्षा के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों (एडेड) के शिक्षकों को तीन साल की सेवा पूरी करने पर तबादले का अवसर मिलेगा। हालांकि शिक्षकों को पूरे सेवाकाल में यह मौका एक बार मिलेगा।
कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश सहायता प्राप्त महाविद्यालय अध्यापक स्थानान्तरण नियमावली 2024 को प्रख्यापित किये जाने को अनुमति दे दी है। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से तबादला प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए यह बदलाव किया गया है। पूर्व में तबादला पाने के लिए पांच साल की सेवा अनिवार्य थी। इसे सरल करते हुए तीन साल किया गया है। विभाग के अनुसार शिक्षकों को तबादला के लिए अपने महाविद्यालय के प्रबंधतंत्र से और संबंधित विश्वविद्यालय से अनुमोदन लेना अनिवार्य होगा। इस अनुमोदित आवेदन को निदेशक उच्च के सामने प्रस्तुत करना होगा।

राजकीय पॉलीटेक्निक निर्माण को मिलेगी गति:
प्रदेश में बन रहे दो दर्जन से अधिक राजकीय पॉलीटेक्निक के निर्माण कार्य को गति मिलेगी। अनुपूरक बजट में प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम के तहत राजकीय पॉलीटेक्निक के बचे हुए निर्माण कार्य को पूरा कराने के लिए 10 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। इसी क्रम में कम्युनिटी डेवलपमेंट थ्रू पॉलीटेक्निक योजना के तहत 42 पॉलीटेक्निक संस्थानों के लिए 2.94 करोड़ व 17 अनुदानित पॉलीटेक्निक संस्थानों के विकास के लिए 1.19 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

लाॅजिस्टिक पार्क नीति को कैबिनेट की मंजूरी:

उत्तर प्रदेश में मल्टी माडल लाॅजिस्टिक पार्क नीति-2024 को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। इस नीति के क्रियान्वयन के लिए इंवेस्ट यूपी नोडल संस्था होगी। नीति के अंतर्गत 1000 करोड़ के न्यूनतम निवेश वाली मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) परियोजना के लिए आवेदन करने वाली कंपनी को फॉर्च्यून ग्लोबल 500 अथवा फॉर्च्यून इंडिया 500 में सूचीबद्ध होना चाहिए। इसके अलावा कंपनी द्वारा परियोजना के लिए राज्य में न्यूनतम 100 करोड़ का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की शर्त पूरी करनी होगी। इसके अलावा आवेदक इकाई को प्रति एकड़ 10 करोड़ का न्यूनतम निवेश करना होगा।

भारत सरकार द्वारा भारत माला प्रोजेक्ट के अन्तर्गत 35 मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क को पीपीपी मोड पर विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के तहत निवेश करने वाली कंपनी को पांच वर्ष के अंदर लाॅजिस्टिक पार्क का संचालन शुरू करना होगा। आवेदक को प्रोत्साहन पैकेज के रूप में 30 प्रतिशत की अप-फ्रन्ट जमीन सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों या राज्य सरकार की किसी संस्था द्वारा लीज पर आवंटित भूखंड पर ही अनुमन्य होगी।

औद्योगिक विकास प्राधिकरण जमीन की वर्तमान दर में 30 प्रतिशत घटाते हुए लागत का आंकलन करेगा। 30 प्रतिशत की राशि की प्रतिपूर्ति की जाएगी। पात्र निवेश अवधि (ईआईपी) अथवा प्रोजेक्ट कमीशन आने तक जमीन प्राधिकरण के पास बंधक रहेगी। प्रोजेक्ट पूर्ण होने के बाद भूमि बंधक मुक्त कर दी जाएगी। पांच वर्ष के अंदर संचालन शुरु न करने पर लैंड सब्सिडी को 12 प्रतिशत ब्याज दर के साथ वसूल किया जाएगा।

औद्योगिक विकास प्राधिकरण अथवा राज्य सरकार की किसी संस्था से पट्टे पर ली गई भूमि पर 100 प्रतिशत की दर से स्टाम्प ड्यूटी में छूट दी जाएगी। सेटबैक, अग्नि सुरक्षा और अन्य एफएसआई के अधीन 60 प्रतिशत ग्राउंड कवरेज की अनुमति दी जाएगी। गैर-लॉजिस्टिक्स सेवाएं यानी वाणिज्यिक तथा सामान्य सुविधाएं अधिकतम 30 प्रतिशत जमीन पर दी जा सकेंगी।

एससी-एसटी आयोग में सदस्य पद के लिए उम्र की बाध्यता खत्म:
कैबिनेट की हुई बैठक में उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग अधिनियम, 1995 यथा संशोधित अधिनियम, 2007 की धारा 5 की उपधारा (1) में संशोधन किए जाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इसके तहत आयोग में सदस्य बनने के लिए 65 वर्ष की अधिकतम सीमा की बाध्यता खत्म कर दी गई है। अब किसी भी उम्र के लोग आयोग के सदस्य बन सकेंगे। इस संबंध में सरकार पहले अध्यादेश लाई थी। अब अधिनियम में संशोधन के लिए प्रस्ताव सदन में विचार के लिए जाएगा।(साभार एजेंसी)

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