ट्रेनों को मिलेंगे नए रास्ते,दूरी कम होने के साथ बचेगा समय भी,सर्वे को रेलवे बोर्ड की मंजूरी

UP / Uttarakhand

(लखनऊ UP)19मार्च,2025.

उत्तर प्रदेश में ट्रैक पर ट्रेनों का दबाव कम करने और सफर का आसान बनाने के लिए प्रस्तावित ऑर्टिबल काॅरिडोर (रिंग रोड की तरह रेलवे का गोल काॅरिडोर) के सर्वे के लिए रेलवे बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। दो महीने में सर्वे शुरू हो जाएगा। यह प्रोजेक्ट 2031 तक पूरा किया जाएगा। यह काॅरिडोर करीब 170 किमी लंबा होगा। इसके बन जाने के बाद लखनऊ जोन में ट्रेनों को नये रास्ते मिलेंगे। बहुत से स्टेशनों पर ट्रेनों का दबाव कम होगा। कई रूट पर यात्रा की दूरी कम होगी, समय की बचत होगी।

उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के सीनियर डीसीएम कुलदीप तिवारी ने बताया कि रेलवे ट्रैफिक को सुचारू रुप से चलाने के लिए यह कॉरिडोर काफी महत्वपूर्ण है। सर्वे के बाद योजना की डीपीआर तैयार की जाएगी। इस कॉरिडोर के बनने से ट्रेनों के संचालन में काफी आसानी हो जाएगी। यात्रियों को भी काफी सहूलियत होगी।

कॉरिडोर के जरिए ये सेक्शन (रूट) जुड़ेंगे:

  • लखनऊ-कानपुर
  • लखनऊ-शाहजहांपुर-मुरादाबाद
  • ऐशबाग-डालीगंज-सीतापुर सिटी
  • लखनऊ-बाराबंकी-गोंडा
  • लखनऊ- बाराबंकी-अयोध्या
  • लखनऊ-सुल्तानपुर–वाराणसी
  • लखनऊ-रायबरेली-वाराणसी
    इसलिए महत्वपूर्ण है ये परियोजना
    लखनऊ क्षेत्र में अभी सात मुख्य रेल मार्ग हैं। इनके माध्यम से सभी यात्री ट्रेनें और मालगाड़ियां संचालित होती हैं। ट्रेनों की भारी भीड़ से रेल यातायात बाधित होता है। लखनऊ क्षेत्र उत्तर रेलवे, उत्तर-पूर्व रेलवे और पूर्व-मध्य रेलवे के लिए प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। इससे भी यहां पर रेल यातायात का दबाव काफी बढ़ जाता है। अभी लखनऊ से अयोध्या, वाराणसी, कानपुर, मुरादाबाद, सीतापुर, रायबरेली और सुल्तानपुर की ओर जाने वाले रेल मार्गों पर सबसे ज्यादा ट्रेनों का संचालन होता है। 90 प्रतिशत मालगाड़ियां और 70 से 80 प्रतिशत यात्री गाड़ियां लखनऊ और ऐशबाग स्टेशनों से होकर गुजरती हैं। रेल यातायात पर ज्यादा दबाव होने की वजह से ट्रेनों को आउटर पर रुकना पड़ता है। इससे ट्रेनें लेट होती हैं। कॉरिडोर बनने से ट्रेनों के पास ज्यादा रास्ते होंगे और दबाव कम होगा।

टर्मिनल से गुजरेंगी 30 लाइनें:
कुलदीप तिवारी ने बताया कि सातों मुख्य मार्गों को ऑर्बिटल कॉरिडोर से जोड़ने के साथ ही एक ग्रीन फील्ड मेगा पैसेंजर टर्मिनल भी बनाया जाएगा। इस टर्मिनल पर 30 से ज्यादा रेलवे लाइनें होंगी और 20 से ज्यादा प्लेटफाॅर्म होंगे। कॉरिडोर में रेल-ऑन-रेल पुलों का निर्माण भी किया जाएगा। कॉरिडोर को वाई कनेक्शन के जरिए जोड़ा जाएगा।

आगरा एक्सप्रेस-वे पर लॉजिस्टिक पार्क:
सीनियर डीसीएम ने बताया कि आगरा एक्सप्रेस-वे के पास एक मेगा रेल लॉजिस्टिक्स पार्क का निर्माण होगा। कॉरिडोर से मालगाड़ियों का भी संचालन सुगम होगा। इसकी मदद से व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।(साभार एजेंसी)

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