(कुशीनगर UP)21मार्च,2025.
कलक्ट्रेट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने आईं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने वागीश्वरी रामबासी पीजी कॉलेज गुरवलिया की छात्राओं को टैबलेट दिया। राज्यपाल के हाथों टैबलेट पाकर उनके चेहरे खिल गए।
डिजिशक्ति योजना के तहत राज्यापाल के हाथो टैबलेट पाए अर्चना पांडेय, रंजना यादव, वर्षा, तमन्ना खातून, दीक्षा कुमारी, रेनु चौरसिया, आराधना राय, गुडिया कुशवाहा, निगम कुशवाहा, ममता कुशवाहा ने कहा कि मिले इस टैबलेट का प्रयोग पढ़ाई में करेंगे।
इन सभी छात्राओं को महाविद्यालय के प्रबंधक व राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त प्रधानाचार्य डॉ. शक्ति प्रकाश पाठक, प्राचार्य डॉ. प्रमोद कुमार तिवारी, मैनेजर प्रसाद, अरुण तिवारी, प्रदीप श्रीवास्त, नीलम तिवारी, वीर बहादुर तिवारी, अभिषेक तिवारी, आशीष कुमार, अरविंद प्रसाद, प्रदीप गोंड, अल्का सिंह, सितेस कुशवाहा, राजू पांडेय, अनुज विश्वकर्मा, सूर्यभान गुप्ता, शुभम मिश्रा .
आने वाली पीड़ियों के लिए बचाएं पानी
पानी का महत्व बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि मैंने देखा कि अधिकतर तालाब सूखे पड़े हैं। यह आने वाले दिनों के लिए खतरनाक संकेत है। अपील की कि आने वाली पीढि़यों के लिए पानी बचाना होगा। जो नदियां अस्तित्व में नहीं हैं उनको जीवित करने के लिए सरकार की ओर से अभियान चलाया जा रहा है।
सरकार के साथ-साथ समाज के लोग भी लगे हैं। गांवों और शहरों में बने तालाब पानी के अभाव में सूख गए हैं। बिना इसके विकसित भारत होना संभव नहीं है।
मुसहर समाज के लिए बनेंगे स्कूल व हॉस्टल:
राज्यपाल ने कहा कि गुजरात से मैंने स्वास्थ्य व स्वच्छता का पाठ सीखा। मुसहर समाज के लिए किसी ने कुछ भी नहीं किया था। केंद्र व प्रदेश की सरकारें इनके काम कर रही हैं। अभी मैंने वाराणसी में कहा कि मुसहर समाज के लिए अलग से स्कूल बने और उसमें हॉस्टल भी हो ताकि इनके भी बच्चे किसी से कम न रहे और शिक्षा ग्रहण करें।
इसके लिए केंद्र व प्रदेश सरकार प्रयास कर रही हैं। मुसहरों को दिए गए पट्टे का जिक्र करते हुए जिला प्रशासन से कहा कि पट्टा देने के बाद इनको आवास दिलाएं और राज्य सरकार की सभी योजनाओं को दिलाएं। ताकि सरकार का सपना सकार हो सके। ओडीओपी से बनने वाले उपकरणों पर चर्चा करते हुए समूह की महिलाओं की सराहना की।
आंगनबाड़ी आने वाले बच्चों का मां जैसा रखें ख्याल:
-राज्यपाल ने कहा कि जो स्वास्थ्य, टूल कीट आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दिया गया है। उसमें मरहम पट्टी से लेकर, शीशा कंघी और सूई धागा तक है। अगर बच्चे अपने घर से बिना बाल झाड़े गए हो तो उनका बाल झाड़े, उनके कपड़े का बटन टूटा हो तो उसे भी लगा दें।
बच्चे खेलते समय चोटिल हो जाए तो उनका इलाज भी करें। यह सब मैने गुजरात से सीखी हूं। प्रदेश में 30 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों टूल कीट दिया जा चुका है। जिले में 270 नई आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती होने वाली हैं, इसमें पीएचडी, एमए, बीए की हुई महिलाएं हैं, लेकिन उनको बच्चों को कैसे रख रखाव करें। इसकी जानकारी नहीं है। इसके लिए बाल मनोविज्ञान ट्रेनिंग दी जाएगी।
कैंसर से बचाव के लिए बेटियों को लगवाए टीका:
राज्यपाल ने कहा कि 9 से 14 साल की बेटियों को कैंसर से बचाव के लिए टीका लगवाएं, इसमें किसी तरह की लापरवाही न बरतें। यह टीका उपलब्ध है। राजभवन में मौजूद सभी लड़कियों को दो डोज लगवा दी हूं। गोरखपुर यूनिवर्सिटी की कुलपति ने भी समाज के सहयोग से बेटियों को टीका लगवाया है। इसके लिए सभी को आगे आने की जरूरत है।(साभार एजेंसी)