(अलीगढ़ UP)28मार्च,2025.
जीपीएफ घोटाले की जांच अब लखनऊ निदेशालय की टीम भी करेगी। टीम के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अप्रैल में आने की चर्चा है। मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) भी करेगी।
मिली जानकारी के अनुसार, जीपीएफ घोटाले में जिन शिक्षकों के खातों में धनराशि भेजे गए हैं वह चालान और चेक माध्यम से विभाग को लौटा रहे हैं। उन्हें डर है कि कहीं उनका पेंशन न रुक जाए। इसलिए शिक्षक अपने वेतन से हर महीने 50 से 60 हजार रुपये दे रहे हैं। इस प्रकरण में तीन सहायक पटल की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। उत्तर प्रदेश जूनियर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. प्रशांत शर्मा ने कहा कि शिक्षकों के खाते में पैसा क्यों और किस लिए भेजा गया। अगर शिक्षकों को दोषी ठहरने का काम किया तो जूनियर शिक्षक संघ भी चुप नहीं बैठेगा। भले ही उन्हें आमरण अनशन क्यों न करना पड़े।
यह है प्रकरण:
जिले में वर्ष 2003-2013 तक 520 शिक्षकों के डमी खाते खोले गए। उनमें चार करोड़ 92 लाख 39 हजार 749 रुपये का लेनदेन किया गया। मामले में थाना बन्नादेवी में वर्ष 2003 से 2013 तक तैनात रहे बीएसए समेत 61 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।(साभार एजेंसी)