प्रो रेड्डी ने कहा-युवाओं के काम से भारत को मिलेगी नई पहचान

UP / Uttarakhand

(गोरखपुर UP)14अप्रैल,2025.

महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कुंदुरु रामचंद्र रेड्डी ने कहा कि वर्ष 2047 तक हम सभी ने भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। इस राष्ट्रीय संकल्प की सिद्धि और लक्ष्य की प्राप्ति में वर्तमान युवा पीढ़ी के किए गए कार्य निर्णायक भूमिका निभाएंगे। आज के युवाओं के देखे गए नए सपने, नई सोच और उनकी ओर से किए गए काम भारत को दुनिया में एक नई पहचान दिलाने का काम करेंगे।

प्रो. रेड्डी रविवार को महाराणा प्रताप महाविद्यालय, जंगल धूसड़ के 18वें समावर्तन संस्कार समारोह (दीक्षांत समारोह) को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समावर्तन संस्कार विद्यार्थी के जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव होता हैं। यह ऐसा पड़ाव है जब आप अपनी शिक्षा हासिल करके, अपनी डिग्री प्राप्त करके, अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने निकल पड़ते हैं।

समावर्तन समारोह की अध्यक्षता करते हुए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, सोनबरसा के कुलपति प्रो. सुरिंदर सिंह ने कहा कि युवा पीढ़ी देश में बड़ा बदलाव ला सकती है। युवाओं में हर चुनौतियों से लड़ने और उसका समाधान निकालने की क्षमता होती है।

हम सब को अपने व्यक्तिगत स्वार्थ को किनारे रख कर राष्ट्र धर्म सर्वोपरि की भावना रखना चाहिए। कहा कि आज के शिक्षण संस्थानों का यह परम कर्तव्य है कि वो न सिर्फ किताबी ज्ञान से युक्त अपितु संस्कार आधारित शिक्षा, श्रेष्ठ जीवन मूल्य एवं आदर्शों से ओत-प्रोत जीवनोपयोगी गुणों से परिपूर्ण ऐसे विद्यार्थियों का निर्माण करें, जो समाज को सही दिशा दे सकें।

विद्यार्थियों की जीवनयात्रा में झलकता रहेगा महाविद्यालय परिसर का यथार्थ : डॉ. प्रदीप राव
समावर्तन समारोह में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रदीप कुमार राव ने प्रस्तावना रखते हुए कहा कि महाविद्यालय संस्कार आधारित शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह महाविद्यालय महंत ब्रह्मलीन अवेद्यनाथ एवं वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के सपनों का महाविद्यालय है।

ऐसे में समाज के प्रति हमारी जवाबदेही और जिम्मेदारी है कि हम महाविद्यालय में संस्कृति और संस्कार युक्त ऐसे क्षमतवान युवाओं का सृजन करें, जो समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए सामाजिक विकास में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें।

आत्मविश्वास और ऊर्जा से कर सकेंगे नए भारत का प्रतिनिधित्व : प्रमथ नाथ मिश्र
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् के वरिष्ठ सदस्य प्रमथ नाथ मिश्र ने कहा कि आज जब आप सभी विद्यार्थी अपने-अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस महाविद्यालय से बाहर की दुनिया में कदम रखने के लिए तैयार हैं, तो हमें तीन महत्वपूर्ण बातों को ध्यान रखना होगा।

ईश्वर में आपकी आस्था, अपनी क्षमताओं पर आपका भरोसा और अपने प्रयासों के सर्वोत्तम परिणाम की आशा। संचालन महाविद्यालय के प्राणी विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य विनय कुमार सिंह ने किया।

ये विद्यार्थी हुए सम्मानित:
-जीवन मूल्य प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम के श्रेष्ठतम विद्यार्थी का महायोगी गोरखनाथ सम्मान सुष्मिता को।
-हमारे पूर्वज प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम के श्रेष्ठतम विद्यार्थी का महन्त दिग्विजयनाथ सम्मान अंकिता पाण्डेय को।

-सिलाई कढ़ाई प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम के श्रेष्ठतम प्रशिक्षु का योगिराज बाबा गम्भीरनाथ सम्मान सोनी विश्वकर्मा को।
-उन्नत भारत अभियान के अंतर्गत महिला स्वावलंबन सम्मान दिव्या को।

-निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम के श्रेष्ठतम विद्यार्थी का चेतक सम्मान अल्ताफ अली हाशमिन को।
-कास्मेटोलॉजी एण्ड सेल्फकेयर प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम के श्रेष्ठतम विद्यार्थी का महारानी पद्मिनी सम्मान प्रियंका को।

-संगीत प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम के श्रेष्ठतम प्रशिक्षु का माता अरून्धती सम्मान शुभी को।
-आपदा प्रबन्धन एवं राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम के श्रेष्ठतम प्रशिक्षु का मेजर सोमनाथ शर्मा सम्मान विक्रांत सिंह को।

-बी.एड्. विभाग द्वारा गोद लिए गांव मंझरिया में शिक्षा स्वास्थ्य एवं जनजागरण के प्रसार हेतु चलाए जा रहे अभियान मिशन मंझरिया के सभी सेवाव्रती की प्रभारी क्षमा उपाध्याय को।
100 महिलाओं को भेंट की गई निशुल्क सिलाई मशीन
समावर्तन समारोह के दौरान वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रतिष्ठित व्यवसायी श्यामल चौधरी के सौजन्य से 100 महिलाओं को निःशुल्क सिलाई मशीन भेंट की गई। महाराणा प्रताप महाविद्यालय के उन्नत भारत अभियान के अंतर्गत संचालित मिशन मंझरिया की महिलाओं को एक सप्ताह की निशुल्क प्रशिक्षण के बाद उन्हें सिलाई मशीन दी गई।

छात्राओं ने केसरिया साड़ी और छात्रों ने धोती-कुर्ता में ग्रहण किया समावर्तन उपदेश:
समावर्तन संस्कार समारोह में मुख्य आकर्षण छात्र-छात्राओं का गणवेश रहा। छात्राओं ने केसरिया साड़ी में जबकि छात्रों ने केसरिया कुर्ता एवं सफेद धोती में समावर्तन उपदेश ग्रहण किया। मुख्य अतिथि ने गाउन का यह विकल्प प्रस्तुत करने पर महाविद्यालय को बधाई दी।

देश का पहला महाविद्यालय जिसने गाउन का विकल्प दिया:
महाराणा प्रताप महाविद्यालय भारतीय संस्कृति के अनुरूप विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ संस्कार की अपनी मूल भावना के प्रति कृत संकल्पित होकर आगे बढ़ रहा है। यह देश का ऐसा पहला महाविद्यालय है जिसने दीक्षांत समारोह में गाउन का विकल्प दिया। दीक्षांत की जगह समावर्तन नाम देने के साथ ही इस महाविद्यालय ने इसमें उपदेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए भारतीय गणवेश (धोती-कुर्ता, साफा और साड़ी) भी तय किया।

नौ समावर्तन समारोह में मिला है योगी आदित्यनाथ का सानिध्य:
गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संस्कारयुक्त शिक्षा के क्षेत्र में अभिनव प्रयोग करने के लिए देशभर में प्रसिद्ध महाराणा प्रताप महाविद्यालय के शिल्पी भी हैं। वर्ष 2008 से प्रारंभ समावर्तन समारोह में 2019 तक कुल मिलाकर नौ बार उनका सानिध्य प्राप्त हुआ है। योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2008, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2019 में समावर्तन समारोह की अध्यक्षता की है।

प्रो. रेड्डी रविवार को महाराणा प्रताप महाविद्यालय, जंगल धूसड़, गोरखपुर के 18वें समावर्तन संस्कार समारोह (दीक्षांत समारोह) को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समावर्तन संस्कार विद्यार्थी के जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव होता हैं।(साभार एजेंसी)

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