(गोरखपुर)22अक्टूबर,2024.
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में संचालित होने वाले योग से जुड़े पाठ्यक्रम अब महायोगी गुरुश्री गोरक्षनाथ शोधपीठ मेंं संचालित किए जाएंगे। पाठ्यक्रम के बेहतर संचालन को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। इसका आदेश और दिशा-निर्देश जल्द जारी हो जाएगा। निर्णय को इसी सत्र से लागू करने की तैयारी है।
वर्तमान में विश्वविद्यालय में पीजी डिप्लोमा इन योग और एमए इन योग पाठ्यक्रम संचालित होते हैं। इन दोनों पाठ्यक्रमों की पढ़ाई दर्शनशास्त्र विभाग में होती है। पाठ्यक्रम का संचालन भी विभाग की ओर से किया जाता है। इसके अलावा नाथ पंथ एवं दर्शन नाम से दो क्रेडिट का एक क्षमता विकास पाठ्यक्रम स्नातक प्रथम सेमेस्टर का हिस्सा है।
इसके संचालन की जिम्मेदारी गुरुश्री गोरक्षनाथ शोधपीठ की है। बीते दिनाें कुलपति प्रो. पूनम टंडन जब विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए शोधपीठ गईं तो उन्होंने योग के सभी पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए उसे उपयुक्त पाया और इसे लेकर अनौपचारिक रूप से निर्णय भी ले लिया।
उसी निर्णय को अब औपचारिक रूप देने की योजना तैयार हो चुकी है। ऐसा होने के बाद दर्शनशास्त्र विभाग इन पाठ्यक्रमों में शैक्षिक सहयोगी की भूमिका निभाएगा। शोधपीठ के उप निदेशक डाॅ. कुशल नाथ मिश्र ने बताया कि पीठ में योग के विविध कार्यक्रम संचालित किए जाने की संपूर्ण व्यवस्था है क्योंकि गोरक्षपीठ मूलत: योग की पीठ है।
कुलपति डीडीयू प्रो पूनम टंडन ने बताया कि बहुत जल्द दर्शनशास्त्र विभाग से संचालित होने वाले पीजी डिप्लोमा इन योग और एमए इन योग पाठ्यक्रम के संचालन की जिम्मेदारी गुरुश्री गोरक्षनाथ शोधपीठ को सौंप दी जाएगी। इस संबंध में निर्णय ले लिया गया है(साभार एजेंसी)