पीपीपी मॉडल पर विकसित होंगे ये ऐतिहासिक स्थल,हेरिटेज इकाइयों के विकास को मिली मंजूरी

UP / Uttarakhand

(लखनऊ UP)05नवंबर,2024.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई। इसमें पर्यटन विभाग प्रदेश की प्राचीन धरोहर भवनों को को फिर से उपयोगी बनाएगा। इनके संरक्षण के साथ-साथ राजस्व भी मिलेगा। इसी क्रम में लखनऊ की छतर मंजिल, मिर्जापुर का चुनार का किला और झांसी के बरुआसागर किले को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर विकसित किया जाएगा। कैबिनेट ने सोमवार को प्रदेश की प्राचीन धरोहार भवनों को पीपीपी मॉडल पर हेरिटेज पर्यटन ईकाई के रूप में विकसित किए जाने की सहमति दे दी है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विरासतों व समृद्ध प्राकृतिक वन संपदा में पर्यटन की काफी संभावनाएं हैं। इनको सार्वजनिक निजी सहभागिता से हेरिटेज होटल, रिजार्ट, म्यूजियम, माइस व टूरिज्म हॉस्पिटैलिटी आदि पर्यटन इकाई के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके तहत पहले से तीन संपत्तियों बरसाना जल महल मथुरा, कोठी रोशन-उद-दौला लखनऊ और शुक्ला तालाब के पास बारादरी कानपुर को पीपीपी के तहत विकसित किया जा रहा है।

पीपीपी मोड पर किए जाएंगे विकसित:
इसी क्रम में लखनऊ में 5.55 एकड़ में स्थित छतर मंजिल, मिर्जापुर जिले में 21.94 एकड़ में स्थित चुनार किला और झांसी जिले में 7.39 एकड़ में स्थित बरुआ सागर किले को पीपीपी मोड पर दिया जा रहा है। इसकी निविदा पूरी हो चुकी है। इन्हें पहले 30 सालों, फिर 30-30 सालों के लिए दो बार नवीनीकरण किया जा सकेगा। इसकी अधिकतम सीमा 90 वर्ष होगी। चयनित निविदादाता विरासत भवन में स्थलों को संरक्षित करते हुए पौराणिक, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को पर्यटकों व जन सामान्य के लिए उपयोगी बनाया जाएगा।

स्थानीय नागरिकों को दिया जाएगा रोजगार:
उन्होंने बताया कि इसके तहत विरासत भवनों या किलों में स्थित धार्मिक स्थलों का विकास व जीर्णोद्धार और संपर्क मार्ग का निर्माण किया जाएगा। स्थानीय विकास और रोजगार सृजन के लिए पास के गांव को गोद लिया जाएगा। यहां के समुचित विकास कार्य किए जाएंगे। 25 प्रतिशत स्थानीय नागरिकों को रोजगार दिया जाएगा।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) प्रदर्शित करने के लिए मार्ट विकसित किया जाएगा। इसके विरासत संपत्ति के ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने के लिए डिस्प्ले एरिया भी विकसित किया जाएगा, जो कि जन सामान्य के लिए खुला रहेगा। पर्यटकों को यहां स्थानीय व्यंजन भी उपलब्ध कराया जाएगा।

अंतर्राष्ट्रीय योग एवं आरोग्य केंद्र की स्थापना को मिलेगी नि:शुल्क जमीन:
बागपत जिले में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर योग और आरोग्य केंद्र की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है। कैबिनेट ने इसके निर्माण के लिए 68.40 हेक्टेयर भूमि खरीदने तथा ग्राम सभा की 1.069 हेक्टेयर जमीन पर्यटन विभाग को निःशुल्क हस्तांतरित करने की मंजूरी दी है(साभार एजेंसी)

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